• नेता प्रतिपक्ष ईको पार्क से गर्दनीबाग धरना स्थल पर अभ्यर्थियों के साथ पैदल पहुंचे

पटना.

नियोजित शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज के बाद सभी की आस टूट चुकी थी। पूरे दिन संगठन के नेता परेशान रहे कि लाठीचार्ज के बाद धरना स्थल पर धरना देने का परमिशन रद्द कर दिया गया था। आखिरकार परमिशन नहीं मिला। गुस्साए अभ्यर्थियों ने पटना के कारगिल चौक पर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री की पुतला फूंक दिया। खूब नारेबाजी भी हुई।
शाम में हजारों अभ्यर्थी पटना के ईको पार्क में जुटे। यहां उनका हाल जानने के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पहुंचे। उन्होंने ईको पार्क से ही सरकार के मुख्य सचिव को फोन किया कि धरना स्थल गर्दनीबाग पर अभ्यर्थियों को बैठने दिया जाए। वह धरना देने की ही जगह है। परमिशन नहीं दिया जाएगा तो मजबूरन उन्हें भी अभ्यर्थियों के साथ धरनास्थल पर बैठना पड़ेगा। इसके बाद उन्होंने पटना डीएम को भी फोन किया। पहले तो पटना डीएम ने कहा कि भेज दीजिए बात सुन लेंगे, जांच करा लेंगे। लेकिन जब नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम तेजस्वी यादव बोल रहे हैं तो डीएम ने बात सुननी शुरू की। डीएम से भी तेजस्वी यादव ने जल्द परमिशन देने की बात कही। तेजस्वी तब तक ईको पार्क में रहे जब तक जिला प्रशासन से अभ्यर्थियों को धरना देने का परमिशन नहीं मिल गया। इस बीच अभ्यर्थियों ने बताया कि किस तरह पुलिस ने बेरहमी से लाठी चार्ज किया। दिव्यांग और महिलाओं को भी पीटा गया।
तेजस्वी यादव, हजारों अभ्यर्थियों के साथ ईको पार्क से पैदल चलते हुए गर्दनीबाग धरना स्थल पर पहुंचे। वहां भी उन्होंने अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम आपके साथ हैं। हमारी सरकार होती तो 10 लाख युवाओं को स्थायी नौकरी कैबिनेट की पहली बैठक में दे देते। इस सरकार को तो आप सभी जानते ही हैं।
अभ्यर्थी तेजस्वी यादव के साथ जब गर्दनीबाग धरना स्थल पर पहुचे तो वहां पंडाल खोला जा चुका था।

 

शिक्षक अभ्यर्थियों पर नेता प्रतिपक्ष का वक्तव्य


पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई और कारवाई हमारा मुख्य मुद्दा है। मैं सदा बेरोजगारों, छात्रों, शिक्षकों, नौजवानों और किसानों के समर्थन में हूं और रहूंगा। विपक्ष में रहते हुए भी बेरोजगार साथियों को नौकरी दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।

कल रात्रि इतनी ठंड में आंदोलनरत शिक्षक अभ्यर्थियों पर मुख्यमंत्री जी ने लाठीचार्ज करा उनकी रसोई और पंडाल को उखाड़ दिया था। कुछ को गिरफ़्तार किया था जिन्हें हमने रात में छुड़वाया। आज प्रशासन ने गर्दनीबाग धरना स्थल पर उन्हें धरने की अनुमति नहीं दी जिसके चलते सभी अभ्यर्थी टिकट लेकर इको पार्क पहुंच गए। शाम को वहां पहुंचा और मुख्य सचिव, डीजीपी और डीएम से बात कर अनुमति मिलने के बाद रात्रि में पैदल मार्च कर उन्हें दोबारा धरना स्थल पर पहुंचा कर आया।

स्वीकृत धरना स्थल गर्दनीबाग में शांतिपूर्वक धरना-प्रदर्शन करना आंदोलनकारियों का लोकतांत्रिक अधिकार है।

* सरकार कैसे उन्हें अनुमति नहीं दे सकती?
* प्रशासन कैसे निर्दोष युवाओं, महिलाओं और दिव्यांगों पर लाठीचार्ज कर सकता है?
* हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद क्यों 94000 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा रहा?
* क्यों शिक्षा मंत्री अपने घर में दुबके बैठे है?
* दो-दो उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री 94000 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर क्यों नहीं बोल रहे है?

नीतीश सरकार की यह हिटलरशाही हम चलने नहीं देंगे। मैं बिहार के युवाओं को नौकरी देने के लिए कटिबद्ध हूं।

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