भाजपा विरोधी दलों की 12 जून को पटना में होने वाली बैठक स्थगित हो गई है। राहुल गांधी का विदेश में रहना और मल्लिकार्जुन खड़गे का उस दिन का इंगेजमेंट इसका बड़ा कारण बताया जा रहा है।  तीसरी बार ये बैठक टली है। अब यह बैठक 12 जून की बजाय 23 जून को होगी।

तराजू पर मेढ़क तौलने जैसा

आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने शुरुआत में ही कथा कि विपक्षी पार्टियों को भाजपा के खिलाफ एकजुट करना तराजू पर मेढ़क तौलने जैसा है। बता दें कि विपक्षी एकजुटता को कॉर्डिनेट करने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमाार इसमें लगातार लगे हुए हैं। विपक्षी एकता के लिए वैसे दल ही अधिक उतावले दिखते रहे हैं, जिनके नेता केंद्रीय जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। एक तरफ लालू यादव के बेटे-बेटियां और पत्नी के साथ आरजेडी के कई नेताओं पर सीबीआई-ईडी की दबिश तेज है, बंगाल में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के साथ-साथ उनकी पार्टी टीएमसी के कई नेता भी ईडी-सीबीआई के रडार पर हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के दो मंत्री जेल में हैं। झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी पूछताछ कर चुकी है। विपक्षी एकजुटता का हाल यह है कि ममता बनर्जी ने उपचुनाव में जीते कांग्रेस के एकमात्र विधायक को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया। कांग्रेस को केजरीवाल और केसीआर पसंद नहीं है।अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से संबंधित केंद्र सरकार के अध्यादेश के सवाल पर अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी दलों का समर्थन मांगा था। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव, केजरीवाल के साथ खड़े भी हुए लेकिन कांग्रेस केजरीवाल के साथ खड़ी नहीं हुई। उल्टे कांग्रेस के एक राष्ट्रीय प्रवक्ता ने पटना में प्रेस कांफ्रेस में कह दिया कि केजरीवाल और केसीआर आरएसएस के पिट्ठू हैं। विपक्ष ने एकजुटता दिखाई और  अध्यादेश का विरोध किया तो राज्यसभा में बीजेपी डाउन हो जाएगी। लेकिन कांग्रेस ने आप पार्टी की मदद से मना कर दिया।

विपक्षी एकजुटता का ये हाल भी जानिए

मायावती, विपक्षी पार्टियों के साथ जाने को तैयार नहीं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसी राव बैठक में नहीं आएंगे। ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से जाकर नीतीश कुमार मिले पर उन्हें मना नहीं पाए। दूसरे ही दिन नवीन, पीएम मोदी से मिलने चले गए। आंध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी की भी ना है।

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