• राज्य सरकार ने पुनर्विचार याचिका वापस ली।
  • डॉ. नवीन कुमार आर्या की अध्यक्षता में अतिपिछड़ा वर्ग आयोग का गठन।

बिहार में नगर निकाय चुनाव को लेकर आई अड़चन दूर हो गई है। राज्य सरकार ने बुधवार को पटना हाईकोर्ट में यह जानकारी दी कि वह अति पिछड़ा आयोग का गठन करेगी। इसकी रिपोर्ट आने के बाद आरक्षण तय कर चुनाव कराया जाएगा। हाईकोर्ट ने इस पर अपनी सहमति दे दी है। बिहार सरकार ने अपनी पुनर्विचार याचिका वापस भी ले ली है। राज्य सरकार ने  बुधावर की शाम ही अति पिछड़ा आयोग के गठन की घोषणा भी कर दी। जदयू नेता डॉ. नवीन कुमार आर्या की अध्यक्षता में अतिपिछड़ा आयोग का गठन किया गया। यह आयोग तीन माह में अपनी रिपोर्ट देगी। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि आयोग इससे पहले अपनी रिपोर्ट दे दे। माना जा रहा है कि अब निकाय चुनाव होने में तीन माह तो और लग ही सकते हैं!

 सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार आरक्षण की अनुशंसा होगी

बिहार सरकार ने बुधवार को पटना हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर कोर्ट को यह बताया कि वह अतिपिछड़ा वर्ग आयोग के द्वारा अतिपिछड़ों की स्थिति का आकलन कराने के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों के लिए आरक्षण की अनुशंसा यह आयोग करेगा।

बतौर डेडिकेटेड कमीशन पुनर्जीवित किया गया

राज्य सरकार के द्वारा 2005 में अस्तित्व में आए बिहार ईबीसी आयोग को बतौर डेडिकेटेड कमीशन पुनर्जीवित किया गया। आयोग जल्द अतिपिछड़ों के राजनीतिक पिछड़ेपन से जुडे़ आंकड़े जुटाएगा। उम्मीद की जा रही है कि जल्द से जल्द यह रिपोर्ट आएगी। अब रिपोर्ट के अवलोकन के बाद ही राज्य निर्वाचन आयोग बिहार में निकाय चुनाव अधिसूचित करेगा।

बिहार सरकार ने बुधवार की देर शाम जदयू के वरिष्ठ नेता डॉ. नवीन कुमार आर्या की अध्यक्षता में अतिपिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया। आयोग के अन्य सदस्य हैं अरविंद निषाद, ज्ञानचंद्र पटेल और तारकेश्वर ठाकुर हैं। आयोग को रिपोर्ट देने के लिए अधिकतम तीन माह का समय दिया गया है।

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