पटना. संवाददाता.

राजद में कुछ माह पहले अनंत सिंह को सजा के बाद उनकी विधायकी खत्म हो गई। उसके बाद मंत्री कार्तिक कुमार को मंत्री पद छोड़ना पड़ा। अब राजद के कुढ़नी से विधायक और राज्य सभा के पूर्व सदस्य अनिल सहनी को तीन साल की सजा के बाद विधायकी जाना तय माना जा रहा है। मामला उस समय का है जब वे जदयू से राज्य सभा के सदस्य थे और यात्रा किए बिना यात्रा भत्ता लेने के आरोप मेंं सीबीआई ने जांच की थी।

नियम है कि दो वर्ष से अधिक की सजा पर सदस्यता चली जाती है। बदा दें कि अनिल सहनी पांचवें जनप्रतिनिधि होंगे, जिनकी विधायकी जाएगी। इसके पहले सजा पाने के कारण चार विधायकों की सदस्यता जा चुकी है है। रामनरेश यादव, राजवल्लभ यादव, इलियास हुसैन और अनंत सिंह की सजा के कारण सदस्यता गई है। अनिल सहनी अगले छह साल तक चुनाव भी नहीं लड़े पाएंगे। रामनरेश यादव भाजपा से थे और बाकी राजद से।

राजद इस वक्त बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है। उसके सदस्यों की संख्या 79 है। अनिल सहनी की सदस्यता जाने के बाद राजद विधायकों की संख्या घटकर 78 हो जाएगी। संख्या घटने के बाद भी राजद विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनी रहेगी। भाजपा के विधायकों की संख्या 76 है।

विधान सभा में अब रिक्त सीट बढ़कर तीन हो गए हैं। अनंत सिंह की सदस्यता जाने, सुबाष सिंह के निधन और अनिल सहनी की सदस्यता जाने के बाद इन तीनों सीटों पर उपचुनाव होंगे। मोकामा में अनंत सिंह की पत्नी पहले ही कह चुकी हैं के वे चुनाव लड़ेंगी।

बिहार विधानसभा में अभी पार्टियों की स्थिति पर गौर कीजिए
राजद- 79
भाजपा- 76
जदयू- 45,
कांग्रेस- 19
माले- 12,
हम- 4
सीपीआई- 2
सीपीएम- 2,
एआईएमआईएम- 1
निर्दलीय- 1
रिक्त-2

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