शिव कुमार. पटना.

बिहार सरकार ने राज्य के प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को 1 अप्रैल 2021 के प्रभाव से 15 फीसदी वेतन वृद्धि करने का फैसला तो लिया लेकिन कई जिलों से शिकायत आ रही है कि डिजिटल हस्ताक्षर में शिथिलता बरती जा रही है। इसलिए माध्यमिक शिक्षा के निदेशक मनोज कुमार ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को पत्र लिखकर इससे जुड़े डिजिटल हस्ताक्षर में शिथिलता बरतने का आरोप लगाते हुए कड़े शब्दों में स्पष्टीकरण मांगा है।उन्होंने 26  जिलों के अफसर से जवाब तलब किया है। राज्य के अररिया, अरवल औरंगाबाद, बांका, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, गोपालगंज, जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, नालंदा, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, रोहतास, सारण, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी,सुपौल और वैशाली के जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

लिखे पत्र में माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने कहा है कि ‘राज्य सरकार ने प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को 1 अप्रैल 2021 के प्रभाव से 15% वेतन वृद्धि करने का निर्णय लिया है। इस क्रम में विभागीय आदेश के द्वारा विस्तृत दिशा निर्देश 12 नवंबर 2021 को दिया जा चुका है। 18 जनवरी 2022 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में यह स्पष्ट निर्देश दिया गया कि शेष बचे शिक्षकों की विवरण 20 जनवरी 2022 की शाम 5:00 बजे तक अपलोड कर दें। इसके बाद विवरण अपलोड का कार्य बंद कर दिया जाएगा। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया था कि ऐसे शिक्षक जिनका विवरण चाहिए और पूर्ण हो उनका वेतन पर्ची 27 जनवरी 2022 से जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर कर ऑनलाइन फॉर्मेट में मुद्रित किया जाएगा। निदेशालय को एनआईसी के माध्यम से उपलब्ध कराए गए प्रतिवेदन से स्पष्ट है कि मामले में वेतन निर्गत करने की कार्यवाही नगण्य हुई है।’ निदेशक ने इसे कार्य के प्रति उदासीनता और विभागीय आदेशों की अनदेखी माना है। उनहोंने आगे कहा है कि’ 3 दिन के अंदर कार्य के प्रति उदासीनता बरतने के कारण स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें कि क्यों न विभागीय आदेशों के अनुपालन में शिथिलता और शिक्षकों के वेतन अवरुद्ध करने के लिए आपके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।’

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