पटना.

लखीसराय के  SDPO (अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी) रंजन कुमार का ट्रांसफर कर दिया गया है। रंजन कुमार के ट्रांसफर समेत लखीसराय में बढ़ते अपराध को लेकर ही इस हफ्ते बिहार विधानसभा में खूब हंगामा हुआ था। मुख्यमंंत्री नीतीश कुमार और विधान सभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा के बीच काफी बहस हुई थी। नीतीश कुमार ने संवैधानिक मर्यादा का हवाला देते हुए सदन में विधान सभा के अध्यक्ष को निशाने पर लिया था। नीतीश कुमार के इस रवैये की विपक्ष ने काफी आलोचना की थी। कई बार सदन बाधित हुआ। इसकी गूंज विधान परिषद में भी सुनी गई। अब  विधान सभा के अध्यक्ष की मांग को मानते हुए बिहार सरकार ने लखीसराय के SDPO को भी वहां से हटा दिया है। बता दें कि रंजन कुमार को अरेराज का SDPO बनाया गया है और अरेराज के SDPO अभिनव धिमन को पटना के दानापुर का SDPO बनाया गया है। इससे पहले दानापुर में SDPO रहे सैयद इमरान मसूद को लखीसराय भेजा गया है।

 लखीसराय मामला पहले ही उठ चुका है विधान सभा में

विधान सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुुमार और विधान सभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के बीच विवाद की असली वजह विजय सिन्हा और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की स्थानीय राजनीति बतायी जा रही है। इसी राजनीति की वजह से मामला इतना आगे बढ़ता चला गया। बता दें कि लखीसराय में कई जगहों पर फरवरी में सरस्वती पूजा के दौरान ऑर्केस्ट्रा का आयोजन हुआ था। आर्केस्टा में बार-बालाओं का डांस भी हुआ था। हथियारों का प्रदर्शन भी किया गया था। इसके बाद वीडियो वायरल होने लगा। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो ऐसे लोगों को अरेस्ट किया जो सिर्फ ऑर्केस्ट्रा देखने गए थे। इस क्षेत्र से विधायक विजय सिन्हा हैं जो बिहार विधान सभा के अध्यक्ष भी हैं। इसलिए लोग शिकायत लेकर उनके पास पहुंचे कि पुलिस गलत कर रही है। स्थानीय लोगों ने पुलिस के अन्य कारनामों की भी शिकायत उनसे की। विजय सिन्हा ने डीएसपी और थाना प्रभारी को तलब कर लिया। लेकिन फटकार लगाने पर डीएसपी और थाना प्रभारी ने उनके साथ अभद्रता की। इसके बाद विधान सभा अध्यक्ष ने मुख्य सचिव और डीजीपी को बुलाकर दोनों को सस्पेंड करने को कहा। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उसके बाद से  लगातार विधान सभा में यह गूंजता रहा। पुलिस अफसर पर हो रही ताजा कार्रवाई उसी से जुड़ी है।

 

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