संवाददाता. पटना.

सोमवार को मुख्यमंत्री के जनता दरबार से लेकर पटना हाईकोर्ट तक लोग कोरोना से सहम गए। इससे पहले रविवार को जांच में एनएनसीएच पटना के 84 डॉक्टर और मेडिकल छात्र कोरोना की चपेट में आए थे। जानकारी है कि पू्र्व मुख्यमत्री जीतन राम मांझी भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। उनके साथ ही उनकी पत्नी शांति मांझी और बेटी पुष्पा मांझी समेत उनके एक बॉडीगार्ड भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। बताया गया है कि मांझी के पीए गणेश पंडित सहित 18 लोग संक्रमण के शिकार हुए हैं। मांझी को पहले भी कोविड हो चुका है। तब उन्हें कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था।

 

मुख्यमंत्री के जनता दरबार में रोहतास से आए 6 लोगों समेत 14 पॉजिटिव

सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में रोहतास से पहुंचे 6 लोग समेत 14 लोग कोविड जांच में पॉजिटिव पाए गए। जनता दरबार में आने से पहले इनका एंटीजन टेस्ट कराया गया था। जनता दरबार में लोगों को लाने और ले जाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है और मुख्यमंत्री सचिवालय से यह निर्देश है कि जिले में फरियादियों को लाने से पहले उनका कोरोना टेस्ट जरूर करवाएं। लेकिन जब रोहतास के 6 लोग जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए तो जनता दरबार में हड़कंप की स्थिति हो गई। जांच का दायरा बढ़ा तो यह संख्या 14 तक पहुंच गई। इसमें 6 फरियादी के साथ ही 5 वेटर और 3 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। जानकारी है कि इनमें से 6 संक्रमित फरियादी ने मुख्यमंत्री से मिल भी चुके। जनता दरबार में कोरोना के मरीज मिलने के बाद जनता दरबार कार्यक्रम की जिम्मेदारी संभाल रहे अफसरों ने जानकारी मुख्यमंत्री को दी। सुनते ही नीतीश कुमार उठ खड़े हुए। उन्होंने अफसरों से गर्म पानी भी पीने के लिए भी मांगा। मुख्यमंत्री खड़े होकर बाकी फरियादियों की शिकायत सुनने लगे।

जीतन राम मांझी ने जनता दरबार स्थगित करने को कहा

मुख्यमंत्री के जनता दरबार में कई पॉजिटिव पाए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर जनता दरबार स्थगित करने की सलाह नीतीश कुमार को दी है। उन्होंने कहा है कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सीएम से आग्रह है कि जनता दरबार कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित रखा जाए। राज्य हित में यह कारगर फैसला होगा। उनके ट्वीट के बाद यह जानकारी आई कि खुद जीतन राम मांझी, उनकी पत्नी शांति मांझी और बेटी पुष्पा मांझी समेत उनके एक बॉडीगार्ड भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं।

 

पटना हाईकोर्ट में कुछ जज और कर्मी भी कोरोना की चपेट में, कामकाज वर्चुअल होगा

 

पटना हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि पटना हाईकोर्ट के कुछ जज और कर्मी भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं, इसलिए मंगलवार से हाईकोर्ट में कामकाज वर्चुअल तौर पर ही होगा। वकीलों का जीवन भी बहुमूल्य है। इसलिए इन बातों को भी ध्यान में रखना होगा। कोर्ट ने पहले भी सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा था कि कोरोना के नए वैरिएंट से सावधान रहने की जरूरत है।

सोमवार को पटना हाईकोर्ट के समक्ष राज्य में कोरोना महामारी से उत्पन्न हालात के संबंध में दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई की गई। शिवानी कौशिक की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई की। खंडपीठ ने कोविड के नए वैरियंट ओमिक्रॉन के प्रकोप के मद्देनजर राज्य में की जा रही तैयारियों और इंफ्रास्ट्रक्चर के संबंध में प्रगति रिपोर्ट देने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। पटना एम्स के वकील विनय कुमार पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने इसके पूर्व भी राज्य सरकार से राज्य भर में उपलब्ध मेडिकल स्टाफ, दवाइयां, ऑक्सीजन और एम्बुलेंस आदि के बारे में जानकारी देने को कहा था। इस पर अब 5 जनवरी को सुनवाई होगी।

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