संवाददाता. पटना

बिहार के राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर के हस्ताक्षर और गजट अधिसूचना के साथ ही राज्य की सरकारी सेवाओं और सरकारी शिक्षण संस्थानों के दाखिले में 75 प्रतिशत आरक्षण लागू हो गया। आरक्षण की नई व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू की गई है। विधेयक के अनुसार प्रोन्नति के मामले में सिर्फ अजा एवं अजजा को विशेष सुविधा मिलेगी। आरक्षण की ये सुविधा सीधी भर्ती में मिलेगी।

बिहार विधानसभा में 9 और विधान परिषद में 10 नवंबर को संबंधित विधेयक को सर्वसम्मति से स्वीकृति मिली थी। विधानसभा सचिवालय ने 12 नवंबर को इसे राज्यपाल के पास भेज दिया था। राज्यपाल के पास कुल छह विधेयक गए थे। इनमें से चार 14 नवंबर को लौट आए थे। राज्य सरकार की गजट अधिसूचना के अनुसार राज्यपाल ने आरक्षण विधेयकों पर 18 नवंबर को हस्ताक्षर किया। उसकी प्रति मंगलवार को राज्य सरकार को प्राप्त हुई। 2024 में लोकसभा और 2025 में विधान सभा का चुनाव होना है। नई आरक्षण व्यवस्था का बड़ा असर चुनाव पर पड़ने की पूरी संभवाना है। मुख्य विपक्षी पार्टी ने भी इसका विरोध नहीं किया है।

16 नवंबर को आयोजित उद्योग विभाग के आयोजन में  नीतीश कुमार ने राज्यपाल से आग्रह करते हुए कहा था- आज राज्यपाल का हस्ताक्षर होगा, कल से नई आरक्षण व्यवस्था लागू हो जाएगी। मुख्यमंत्री के आग्रह के दो दिन बाद राज्यपाल ने इन विधेयकों पर हस्ताक्षर कर दिया।

बिहार में जाति सर्वे के सामाजिक और आर्थिक आंकड़े चौंकाने वाले आए। रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 94 लाख गरीब परिवार ऐसे हैं, जिनकी मासिक आय छह हजार रुपये तक है। बिहार सरकार ने ऐसे प्रति परिवार को दो लाख रुपया देने का निर्णय लिया है। इसे कैबिनेट की स्वीकृति भी मिल गई। इस योजना पर पांच वर्षों में ढाई लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसी तरह सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत गरीब परिवारों को एक के बदले दो लाख रुपया देने की मंजूरी राज्य कैबिनेट से मिल चुकी है। यह राशि रोजगार सृजन के लिए दी जाएगी।

बिहार में आरक्षण की नईई व्यवस्था के तहत 75 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान किया गया है। पहले से जारी आरक्षण में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

सरकारी सेवा और दाखिले में आरक्षण इस तरह होगा

  • अनुसूचित जातियां – 20 प्रतिशत
  • अनुसूचित जनजातियां – 02 प्रतिशत
  • अत्यंत पिछड़ा वर्ग – 25 प्रतिशत
  • पिछड़ा वर्ग – 18 प्रतिशत
  • खुला गुणागुण कोटि – 35 प्रतिशत ( इसमें 10 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए)

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