संवाददाता. पटना.

बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री की दूसरे दिन की कथा में दर्जनों लोग गर्मी से बेहाल हो गए। लोगों की तबियत खराब हो गई। इसलिए सोमवार को होने वाला बाबा का दिव्य दरबार कैंसिल हो सकता है। धीरेंद्र शास्त्री ने खुद ये बातें रविवार को कही हैं। उन्होंने कहा कि ‘कल दिव्य दरबार है, लेकिन भीड़ देखते हुए विराम देना पड़ेगा। भीड़ और गर्मी ज्यादा है, कहीं कोई अनहोनी न हो जाए। अगली बार जब आएंगे तो दिव्य दरबार लगाएंगे। कथा सबके कल्याण के लिए है। कल प्रेस कॉन्फेंस करेंगे। हालांकि कथा 17 मई तक चलती रहेगी।’

धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि ’10 किलोमीटर में लोग फंसे हैं, इसलिए कल किसी को मत लेकर आइएगा। टीवी पर ही कथा सुनिए। जो ट्रेन का टिकट कल के लिए कटा लिया है, वे कैंसिल करा दें। यहां जगह नहीं बची है।’ रविवार को पटना के नौबतपुर के तरेत पाली गांव में चल रही धीरेन्द्र शास्त्री की कथा 15 मिनट पूर्व समाप्त कर दी गई। कथा सात बजे तक चलनी थी। उन्होंने मंच से कहा कि दस लाख भक्त कथा सुनने आए हैं। लोगों को सांस लेने की समस्या हो रही है।

बता दें नौबतपुर तक पहुंचने के लिए तीन रास्ते हैं। इन सभी रास्तों पर  लगभग पांच किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। खुद बाबा डेढ़ घंटे पटना से कथा स्थल पर पहुंच पाए, जबकि दूरी 13 किलोमीटर है। कल दिव्य दरबार है, इसलिए भक्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दूसरी तरफ बाबा से जुड़ा होटल पनास के बाहर लगाया गया पोस्टर फिर से फाड़ा गया। इसी होटल में वे ठहरे हुए हैं।

कथा की शुरुआत में धीरेंद्र शास्त्री ने कि कइसन बा, दो कि ही गर्मी है, पैसे की गर्मी और मौसम की गर्मी। मौसम की गर्मी तो ठीक हो जाएगी। भारत के दो ही गौरव हैं, एक वृंदावन के बांकेबिहारी और दूसरा यहां के बिहारी। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग धन्य हैं, जहां मां जानकी ने जन्म लिया। इसी धरती पर आर्यभट्ट ने शून्य का अविष्कार किया था। उन्होंने कहा कि जीवन तो रेल है, कभी पैसेंजर कभी मेल है….जीवन तो भैया एक रेल है, कभी पैसेंजर कभी मेल है।

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