संवाददाता. पटना.

राज्य में छह साल के बाद सिविल कोर्ट के चार अलग-अलग पदों के लिए लगभग सात हजार सीटों पर बहाली निकली है। इस बहाली के विज्ञापन मे त्रुटियों से अभ्यर्थी परेशान हैं और इसको लेकर आंदोलन की तैयारी में हैं।

छात्रों ने इससे जुड़ा ज्ञापन शुक्रवार को मुख्यमंत्री सचिवालय और सामान्य प्रशासन विभाग को दिया। छात्रों ने गांधी मैदान, पटना में एक बैठक भी आयोजित की  छात्रों ने सरकार से विज्ञापन को संशोधन करने की मांग की है। यह भी कहा गया कि अगर सरकार जल्द विज्ञापन को संशोधित नही करवाती है तो छात्र सड़क पर उतरकर आंदोलन भी कर सकते हैं।

राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के अध्यक्ष छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा है कि स्टेनोग्राफर पद के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा यानी बाइलिंग्यूअल ( द्विभाषीय) अनिवार्य योग्यता रखी गई है, जबकि इससे पहले जब 2016 मे बहाली निकाली गई थी तब उसमे हिंदी या अंग्रेजी या बाइलिंग्यूअल था, यानी वैकल्पिक था। लेकिन इस बार सिर्फ बाइलिंग्यूअल योग्यता ही रखी गई है। इस कारण लाखों स्टूडेंट्स फॉर्म ही नही भर पाएंगे। साथ ही त्रुटि सीमा पांच प्रतिशत रखी गई है जबकि कुछ समय पूर्व पटना हाईकोर्ट की बहाली आई थी उसमे 15 प्रतिशत थी। दिलीप कुमार ने कहा कि फॉर्म भरने के लिए आवेदन शुल्क तीन तरह के पद के लिए 800 -800 रुपये रखा गया है। अगर कोई अभ्यर्थी तीन तरह के पद के लिए आवेदन भरते हैं तो उन्हें 2400 रुपये देना होगा। बिहार के युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। ऐसी परिस्थिति मे इतनी अधिक फीस नहीं ली जानी चाहिए। आवेदन शुल्क 150- 200 रुपये ही होने चाहिए। दिलीप कुमार ने बताया कि चूंकि 2016 के बाद ये बहाली आई है इसलिए अधिकतम उम्र सीमा की गणना भी 2016 के अनुसार ही होनी चाहिए।

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