संवाददाता. पटना.

 

राज्य में जहरीली शराब से मौत का सिलसिला थम नहीं रहा। हाल के दिनों में राज्य के कई जिलों से शराब से मौत की खबर आ चुकी है। सारण जिले के अंदर जहरीली शराब पीने से दर्जन भर से अधिक लोगों की मौत हो गई। एक तरफ जहां शराबबंदी के दौरान जहरीली शराब से मौत का मामला मुद्दा बनता रहा है वहीं इस बीच बिहार सरकार के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने इसे लेकर बयान दिया है और शराबबंदी को इन मौतों से अलग बताया है। उनके बयान से नई बहस शुरू हो गई है।

जहां शराबबंदी नहीं वहां से जहरीली शराब से मौत हो रही

रज्य के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने प्रेस से बातचीत करते हुए शराब से मौत मामले के साथ-साथ विभाग के द्वारा की गयी कार्रवाई की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से मौत की वजह क्या है और दोषी कौन हैं। मंत्री ने बताया कि राज्य में जहरीली शराब से मरने का कारण शराबबंदी नहीं है, बल्कि आर्थिक रूप से पिछड़ापन होना इन मौतों की वजह है। उन्होंने कहा कि आर्थिक पिछड़ेपन के कारण कुछ लोग गलत धंधे में लग जाते हैं और पैसे के लिए गलत तरीके से शराब बनाने लगते हैं। ऐसे लोग शराब को बेहद सस्ता होने की वजह से खरीद लेते हैं और इन्हीं कारणों से ऐसे हादसे होते हैं। मंत्री ने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हमेशा कहते रहते हैं कि गलत चीज पीयेंगे तो जान से हाथ धोयेंगे। मंत्री ने कहा कि जहरीली शराब से मौतें केवल उन्ही राज्यों में नहीं हो रही जहां पूर्ण शराबबंदी लागू है, बल्कि उन राज्यों में भी ऐसे मामले सामने आते हैं जहां शराबबंदी लागू नहीं है।

By

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed