पटना.

चुनाव परिणाम के बाद पहली बार तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार मीडिया से अलग-अलग रू-ब-रू हुए। राबड़ी देवी के आवास में तेजस्वी यादव ने विधायक दल और महागठबंधन की बैठक की। बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि जनादेश महागठबंधन के पक्ष में आया है, एनडीए चोर दरवाजे से सरकार बना रहा है। नीतीश कुमार में अगर थोड़ी भी नैतिकता बची है तो उन्हें कुर्सी छोड़ देनी चाहिए।

तेजस्वी यादव ने कहा कि बड़ी संख्या में पोस्टल बैलट रद्द कराए गए। बिहार के नियोजित शिक्षकों ने बड़ी संख्या मेंं पोस्टल बैलट किया इसलिए नियम के अनुसार इसकी गिनती पहले नहीं कराकर सबसे बाद में कराई गई और इसमें रात के अंधेरे में गोलमाल किया गया।

तेजस्वी ने कहा कि  900-900 पोस्टल वोट रद्द किए गए। इसकी रिकाउंटिंग कराई जाए। सवाल पूछा कि हमारे उम्मीदवारों को सर्टिफिकेट देकर छीनने का प्रयास क्यों किया गया? हमें रिकॉर्डिंग देखने का अधिकार है। चुनाव आयोग सीडी उपलब्ध कराए। जीतन राम मांझी, मुकेश साहनी या ओवैसी का साथ आप लेंगे कि नहीं, इस सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि यह उनके ऊपर है कि वे जनता के साथ रहते हैं कि नहीं।

उन्होंने कहा कि एनडीए को एक करोड़ 57 लाख 728 वोट मिले। यह 37.3 परसेंट है। महागठबंधन को एक करोड़ 56 लाख 88 हजार 458 वोट मिले। यह 37.2 परसेंट है। अंतर महज दशमलव एक का है।एनडीए और महागठबंधन के बीच 12 हजार 270 वोटों का अंतर है।12 हजार वोट में वे 15 सीट पर आगे हो गए और जीत हासिल की। पोस्टल बैलेट की गिनती में बड़ी गड़बड़ी की गई।

 

नीतीश कुमार ने कहा इतना सब करने के बावजूद लोगों में गलतफहमी रही तो हम क्या करें

नीतीश कुमार ने अपने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि सेवा करने के बाद भी लोगों में गलतफहमी हो जाती है तो इसमें हम क्या कर सकते हैं। हमने तो सभी के लेिए समान भाव से काम किया। हर मतदाता का अपना अधिकार है। हमारे शासन में कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ। हर काम हमने समर्पित भाव से किया। सब कुछ के बावजूद  कोई भ्रम फैलाने में कामयाब हो जाए तो हम क्या कर सकते हैं।  क्राइम, करप्शन और कम्युनिज्म हमें बर्दास्त नहीं।

नीतीश कुमार अपने प्रेस कांफ्रेस में तीन बार कह कि उनको किसी तरह की कोई व्यक्तिगत चाहत नहीं है। मुख्यमंत्री बनने पर एनडीए की बैठक में फैसला होगा।

जदयू को कम सीटें आने पर कहा कि हम एक-एक सीट की समीक्षा कर रहे हैं। मीडिया की ओर से नीतीश कुमार पर एरोगेंट होने का आरोप लगाया तो उन्होंने हाथ जोड़ कर जवाब दिया और स्वीकारा कि वे प्रेस से नहीं मिल पा रहे थे। उनकी बात लोगों तक नहीं पहुंच पाई। कहा कि कोरोना काल में 21 लाख लोगों को एक-एक हजार रुपए दिए गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed