संवाददाता.

महागठबंधन से लगातार नाराज चल रही रालोसपा की ओर से गुरुवार को राष्ट्रीय-प्रदेश कार्यकारिणी, जिलाध्यक्षों की संयुक्त बैठक  की गई। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को कोई भी निर्णय लेने के लिये अधिकृत कर दिया गया। पटना के राजीव नगर स्थित शिवी फाउंडेशन में करीब दो घंटे से अधिक चली रालोसपा की बैठक में यह प्रस्ताव भी पास किया गया है कि रालोसपा महागठबंधन में उसी सूरत में रहेगी, जब मुख्यमंत्री का चेहरा उपेंद्र कुशवाहा होंगे।

रालोसपा प्रमुख सह पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने महागठबंधन से नाराजगी जताते हुए कहा कि पार्टी को सम्मान नहीं मिल रहा है, हमने बहुत कोशिश की पर सम्मानजनक तरीके से सीट शेयरिंग नहीं हो रही है। आरजेडी नेतृत्व का व्यवहार एकतरफा फैसले लेने का रहा है।

कांग्रेस, वीआइपी, वामदल आदि का नाम लिए बिना कहा कि विभिन्न घटक दलों के बीच नेतृत्व के नाम पर भी मतभिन्नता की स्थिति है। ऐसे में अब वक्त आ गया है कि हम फैसला लें। कहा कि पार्टी ने मुझे निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है। सही समय पर प्रदेश और कार्यकर्ताओं के हित के लिए निर्णय लूंगा।

इस बैठक में कोई आर-पार वाला फैसला नहीं लिया गया। इसलिए फिलहाल यह माना जा रहा है कि एक बार फिर से आरजेडी नेतृत्व पर दबाव बनाने का अंतिम दांव खेला गया है। हां आरजेडी इस पर भी रोलोसपा के हिसाब से सीटों का बंटवारा नहीं करती है तो उपेन्द्र कुशवाहा बड़ा यानी आर-पार वाला फैसला ले सकते हैं।

 

 

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