• संवाददाता.

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तेजस्वी पर लगातार अऩदेखी करने का आरोप लगाया है।

महागठबंधन से अलग होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने पहली अपनी प्रतिक्रिया दी है। कहा कि गठबंधन में हो रही बेइज्जती के चलते अलग होने का फैसला किया। आगे का रास्ता अगले कुछ दिनों में साफ हो जाएगा।

मांझी ने कहा कि हम महागठबंधन में लगातार कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाने की मांग कर रहे थे। मुझे मुख्यमंत्री नहीं बनना था लेकिन जो मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बन सकते थे वही गठबंधन को कमजोर करने में जुटे थे। चुनाव से पहले ही तेजस्वी जब किसी की बात नहीं सुन रहे थे तो सरकार बनने के बाद क्या स्थिति होती।

मांझी ने कहा कि आरजेडी की तरफ से यह आरोप लगाए जा रहे हैं की पार्टी ने मांझी के बेटे संतोष कुमार को एमएलसी बनाया। मेरा बेटा कोई आठवां या नौवां पास नहीं है। वह एमए, पीएचडी किया हुआ है और अपने दम पर एमएलसी बना है। मांझी ने आरोप लगाया है कि जब जरूरत थी तब मुझे साथ ले लिया गया और जब काम खत्म हो गया तब मुझे नकारा साबित किया जा रहा है। अररिया और जहानाबाद उपचुनाव में आरजेडी को मेरी वजह से जीत मिली थी। हमने वहां बहुत काम किया था। अगर हम महागठबंधन में नहीं आए होते तो राजद हार जाता।

 

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