• बीजेपी और आरजेडी के बीच कुछ मामला

उपेन्द्र कुशवाहा ने आखिर तेजस्वी यादव का नेतृत्व अस्वीकार करते हुए अलग रास्ता चुन लिया। वे पहले भी नीतीश कुमार से अलग होकर अलग राह चुन चुके हैं। बीजेपी से भी अलग हो गए थे। मंगलवार को पटना के होटल मौर्या में उन्होंने प्रेस कांफ्रेस करते हुए कहा कि वे न तो एनडीए में रहेंगे और न ही गठबंधन में। वे बिहार में 243 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी और जनवादी पार्टी सोशलिस्ट के साथ मिलकर नए गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में होंगे।

प्रेस कांफ्रेस की शुरुआत ही उपेन्द्र कुशवाहा ने शिक्षा के मुद्दे से की। कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है। पुरानी सरकार के राह पर ही नीतीश सरकार चल रही है। कहा कि खजाना लूट का तरीका बदल दिय नीतीश कुमार ने। इसमें अधिकारियों को बिचौलिए की तरह इस्तेमाल किया जा रह है।

स्वास्थ्य का मुद्दा भी उन्होंने उठाया और कहा कि एक पीएमसीएच की स्थिति भी सरकार ठीक नहीं कर पाई। सरकार से पूछा कि एक ऐसा स्कूल और एक ऐसा अस्पताल आपने मॉडल बनाया हो तो बताएं। कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है। महिलाओँ के साथ रेप और अत्याचार भी इस सरकार में खूब हुए हैं।

तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद को अपना नेतृत्व बदलना चाहिए। कहा कि जब पार्टी का मुखिया ही 10 वीं पास है तो वे बेहतर शिक्षा देने का दावा कैसे कर सकते हैं। लालू-राबड़ी पर निशाना साधते हे कह कि बिहार का सीएम अपने दोनों बेटों को मैट्रिक भी नहीं करा पाए। बिहार की जनता अब विकल्प चाहती है। वह पीछे लौटना नहीं चाहती है।

उपेन्द्र कुशवाहा ने यह कहकर सब को चौंका दिया कि बीजेपी और आरजेडी के बीच कुछ मामला है, यह आम चर्चा है। कहा कि अगर चाहिए रोजी रोटी वाली सरकार तो अबकी बार शिक्षावाली सरकार।

 

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