कैमूर के रामपुर गांव में किसान महासम्मेलन का आयोजन

संवाददाता.

कैमूर जिले के रामपुर गांव में आयोजित किसान महासम्मेलन में बक्सर सांसद और आरजेडी के वरिष्ठ नेता सुधाकर सिंह ने हजारों की संख्या में जुटे किसानों, मजदूरों और स्थानीय नागरिकों को संबोधित करते हुए बिहार सरकार और केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों पर तीखा प्रहार किया।

सुधाकर सिंह ने अपने संबोधन में करमचट डैम, नहरों की बदहाल व्यवस्था, सिंचाई की विफलता, सड़क निर्माण में हो रही लूट, बिजली आपूर्ति की अनियमितता, खाद संकट, और किसानों के साथ हो रहे अन्याय की विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने कहा कि यह जो मिशन पैसा आपके द्वारा दिए गए टैक्स का’ चलाया जा रहा है, वह केवल कागजों पर सजा हुआ है। किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंचता। करमचट डैम हजारों करोड़ खर्च करने के बाद भी हाथी के दांत बन गया है। दिखाने के और, चबाने के और।

उन्होंने क्षेत्रीय सिंचाई पंप हाउस के बंद पड़े होने का मुद्दा उठाते हुए सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द व्यवस्था नहीं सुधारी गई तो किसान स्वयं इसे चालू करने को बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि अख़बारों में ‘पंप हाउस चालू’ की खबरें आ रही हैं, जबकि जमीनी हकीकत इसके ठीक उलट है।

कार्यक्रम में इस बात पर भी गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया कि स्थानीय प्रशासन ने किसान महासम्मेलन को यह बोलकर NOC दिया गया कि राजनीतिक बयानबाज़ी ना किया जाए । इस सुधाकर सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि यह देश संविधान से चलता है, SDO की मनमानी से नहीं। यदि अधिकारी लोकतांत्रिक अधिकारों को रोकते हैं तो उन्हें मानसिक उपचार के लिए भेजा जाना चाहिए।

सांसद ने बनारस से कलकत्ता तक बनने वाली एक्सप्रेस वे का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बिहार में किसानों के लिए सर्विस रोड नहीं बनाई जा रही है, जिससे उन्हें खेत तक पहुंचने के लिए 20-20 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। यह पूरी तरह किसान विरोधी नीति है।

बिजली आपूर्ति और स्मार्ट मीटरिंग को लेकर सुधाकर सिंह ने कहा कि कानून कहता है 8 घंटे बिजली मिलेगी, लेकिन किसान को मिल रही है 4 घंटे की बिजली। बिल वसूला जा रहा है चौबीस घंटे का। यह लूट है। स्मार्ट मीटर अब ‘स्मार्ट चीटर’ बन चुके हैं।

डीएपी खाद की अनुपलब्धता और धान खरीद में हो रही रिश्वतखोरी का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि यह किसानों के साथ खुला अन्याय है। सिंह ने आरोप लगाया कि बिहार में धान खरीद के लिए रिश्वत देनी पड़ रही है, और डीएपी खाद धान कटने के बाद बांटी जा रही है।

उन्होंने मतदाता सूची से नाम काटे जाने को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठाए। कहा कि बिहार की 40% जनता के पास जन्म प्रमाण पत्र या शैक्षणिक प्रमाण नहीं है। ऐसे में नाम हटाना सीधा लोकतंत्र पर हमला है। पहले राजनीतिक दल वोट कटवाते थे, अब खुद आयोग यह काम कर रहा है।

कहा कि अब समय पीछे हटने का नहीं है, संघर्ष का है। जब तक किसान, गरीब, पिछड़े और अल्पसंख्यकों की आवाज़ को दबाया जाएगा, हम लड़ते रहेंगे। हमारा नेतृत्व तेजस्वी यादव जी और लालू प्रसाद यादव जी के हाथों में है। और जब तक हम साथ हैं, कोई भी ताक़त लोकतंत्र को हरा नहीं सकती।

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