जानिए क्या-क्या बदलाव किए जा रहे हैं
बिहार में कोरोना जांच को लेकर नई गाइडलाइन जारी की गई है। इसके तहत बिना लक्षण वाले मरीजों की जांच नहीं की जाएगी। अस्पताल में भर्ती मरीजों की भी एक ही बार कोविड जांच होगी। पहली और दूसरी लहर में जांच पर फोकस था लेकिन अब तीसरी लहर में जांच को सीमित करने की कोशिश है। ऐसा कम्युनिटी स्प्रेड के कारण किया जा रहा है। पहली और दूसरी लहर में कोरोना की जांच और कांटैक्ट ट्रेसिंग पर फोकस रखा गया था। अब पहली बार राज्य में जांच को सीमित करने की कोशिश होगी। स्वास्थ्य विभाग के अपर स्वास्थ्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा है कि ICMR ने 10 जनवरी को जो नई गाइडलाइन जारी की है उसका अनुपालन बिहार में शुरू कर दिया गया है। इसके तहत कई बड़े बदलाव किए गए हैं। इस बदलाव में जांच को सीमित कर दिया गया है।
नई व्यवस्था के तहत जांच इस तरह
- अपनी मर्जी से आप जांच नहीं करा सकेंगे।
- बिना लक्षण वालों की जांच नहीं की जाएगी। मामला कुछ अलग हो तो भले जांच होगी।
- अगर मरीज में एंटीजन जांच में पॉजिटिव पाया गया तो RTPCR की जरूरत नहीं।
- अस्पताल की OPD में मरीजों की कोरोना जांच नहीं कराई जाएगी।
- अस्पताल में भर्ती मरीजों का केवल एक ही बार कोरोना जांच होगा।
- किसी मेडिकल जांच के लिए पहले से कोविड की जांच नहीं कराई जाएगी।
- गर्भवती महिलाओं की भी अस्पताल में डिलीवरी से पहले कोरोना की जांच नहीं करायी जाएगी।
- अपने देश में यात्रा के दौरान जांच जरूरी नहीं होगी।
- ऐसे लोगों की जांच जरूरी होगी जो ऐसे देश की यात्रा पर जा रहे, जहां जांच जरूरी है।
- गंभीर बीमारी वाले कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने पर कोविड टेस्ट किया जाएगा।
ऐसे लोगों की कोरोना जांच हो सकती है
- खांसी होने, बुखार आने, गले में खरास होने पर , स्वाद और गंध नहीं आने और सांस में तकलीफ होने पर कोरोना जांच करा सकते हैं।
- कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने वाले 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोग और गंभीर बीमारी वाले लोग जांच करा सकेंगे।
- ब्लड शूगर , ब्लड प्रेशर, फेफड़े या गुर्दे की बीमारी के साथ मोटापा या विदेश यात्रा की हिस्ट्री रहने पर जांच।