• मंत्री ने दी सफाई, कहा- आरोप बेबुनियाद, दो दिनों के अंदर माफी नहीं मांगी तो तेजस्वी पर मानहानि का मुकदमा करुंगा

पटनाा.

शनिवार की सुबह से ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक्टिव हो गए। सुबह 9 बजे ही राबड़ी देवी के आवास पर पत्रकारों को प्रेस कांफ्रेस के लिए बुला लिया। उन्होंने एक बार फिर भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के मंत्री रामसूरत राय को बर्खास्त करने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की।

उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए मुजफ्फरपुर के अर्जुन मेमोरियल स्कूल से शराब बरामद होने और वहां के हेडमास्टर अमरेन्द्र कुमार की गिरफ्तारी को गलत बताया। कहा कि जिसने पुलिस को शराब आने की सूचना दी उसे ही जेल  भेज दिया गया और मंत्री के भाई पर सरकार कोई कार्रवाई करने के बजाय फिल्म की तरह स्क्रिप्ट लिख रही है। तेजस्वी ने कहा कि स्कूल का बिजली बिल मंत्री के भाई के नाम पर आता है।

तेजस्वी ने कहा कि  स्कूल मंत्री राम सूरत राय के पिता के नाम पर है। अर्जुन उनके पिता का नाम है। जिस जमीन पर स्कूल है वह मंत्री जी के भाई के नाम पर है। तेजस्वी ने कहा कि राम सूरत राय कह रहे हैं कि जमीन लीज पर दी गई है। अगर जमीन लीज पर ह तो एग्रीमेंट क कागज दिखाएं। मुजफ्फरपुर में आठ नवंबर 2020 को अर्जुन मेमोरियल स्कूल से बड़ी मात्रा में शराब बरामद की गई थी।

प्रेस कांफ्रेस में  सकूल के हेडमास्टर अमरेन्द्र कुमार के भाई अंशु भी पहुंचे। अंशु ने बताया कि उनके बड़े भाई को फंसाया गया। दो लोगों ने उऩ्हें धमकी दी थी कि अपने भाई से कहो कि मुकदमा अपने ऊपर ले लो। अंशु ने बताया कि मेेंरे भाई ने ही पुलिस को स्कूल में शराब आने की सूचना दी और उन्हें ही पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। अब हमारे पूरे परिवार पर जान का खतरा है। अंशु ने मंत्री रामसूरत राय द्वारा स्कूल का उद्घाटन करते हुए फोटो भी दिखाया।

विधान सभा में हंगामा, मारपीट और धरना

9 बजे प्रेस कांफ्रेस करने के बाद जब 11 बजे तेजस्वी यादव विधान सभा पहुंचे तो वहां विपक्ष ने मंत्री रामसूरत राय को बर्खास्त करने की मांग कर दी। हंगामा इतना हुआ कि विपक्ष वेल में आकर नारेबाजी करने लगा। सत्ता पक्ष और विपक्ष आपस में भिड़ गए। भाजपा के विधायक संजय सरावग, डॉ. संजीव  और उपसचेतक जनक सिंह के साथ राजद के विधायक रामवृक्ष सदा ने हाथापाई की। सदन के बाहर आने पर अलौली से राजद के विधायक रामवृक्ष सदा ने कहा कि तेजस्वी यादव के भाषण के समय सत्ता पक्ष के विधायक हंगामा करने लगे। जब मना किया गया तो अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया। तीन विधायक ने जातिसूचक शब्द से संबोधित किया। उन्होने एससी- एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराने की भी बात कही। विधान सभा में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच भी कहासुनी हुई।

विधान सभा में हंगामा और नारेबाजी के बाद सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। लकिन विपक्षी विधायक विधान सभा अध्यक्ष क के चैम्बर के बाहर धरना दे दिया। दोनों भाइयों तेजस्वी और तेजप्रताप ने विधान सभा अध्यक्ष के कमरे में जाकर उनसे मुलाकात की। दोनों ने कहा कि मंंत्री रामसूरत राय के खिलाफ उनके पास पुख्त सबूत हैं इसलिए सरकार उन्हें बर्खास्त करे।

राजभवन तक चला गया विपक्ष

विधान सभा में हंगामा, नारेबाजी और धरना के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित पूरा विपक्ष राजभवन की ओर चल पड़ा। राजभवन पहुंचकर वहं भी 20 मिनट तक नारेबाजी के साथ-साथ प्रदर्शन किया गया। राज्यपाल फागू चौहान से विपक्ष ने मंत्री रामसूरत राय को बर्खास्त करने की मांग की। राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कहा गया कि  गैर संवैधानिक कार्य करने वाली सरकार को बर्खास्त किया जाए। बताया गया कि सदन में सरकार के मंत्री आसन को निर्देशित करते हैं। सवालों का ठीक से जवाब भी नहीं देने देते। लोकहित के मु्ददे को सदन में ठीक से उठाने नहीं देते। विपक्षी  सदस्यों के नारों से राजभवन का परिसर गूंजता रहा।विपक्षी विधायक जब राजभवन पहुंचे तो मुख्यमंत्री आवास पर पहरा बढ़ा दिया गया

 मंत्री रामसूरत राय ने प्रेस कांफ्रेस कर सफाई दी

भाजपा कोटे से मंत्री रामसूरत राय ने भाजपा कार्यालय में प्रेस कांफ्रेस किया और अपने ऊपर लगाए गए आरोप को बेबुनियाद बताया। कहा कि मैं अपने भाई से अलग हूं लेकिन वो जिंदा रहे या मर जाए भाई ही रहेगा। मेरे पिता जी समााज के प्रतिष्ठित व्यक्ति रहे और अगर उनके नाम से कोई स्कूल खोलता है तो उसमें मैं क्या कर सकता है। कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि वह जमीन मेरे भाई के नाम से है। मेरे भाई ने पनी कमाई के पैसे से उस जमीन को खरीदा है। मेरा घर अहियापुर थाना में पड़ता है और यह मामला बेचहां थाना का। कहा कि मैं तेजस्वी यादव को दो दिनों का वक्त देता हूं, अगर वे माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा करूंगा। कहा कि मैं कृष्ण का वंशज हूं। गाय पालता हूं। हमलोग दूध का व्यापार करते हैं जहर का नहीं। उन्होंने बताया कि साल 2006 में पिताजी ने भाइयों के बीच मौखिक बंटवारा कर दिया था। 2012 में यह रजिस्टर्ड बंटवारा हो गया।

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