पटना.
बिहार मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया। मीडिया में चर्चा थी कि उपेन्द्र कुशवाहा को शामिल किया जा सकता है, नहीं किया गया। नीतीश मिश्रा के नाम की भी चर्चा मीडिया कर रहा था उन्हें भी जगह नहीं दी गई है। भाजपा से 9 और जदयू से 8 नए मंत्री बनाए गए हैं। जदयू कोटे से सात विधायक और एक विधान पार्षद को मंत्री बनाया गया है। भाजपा कोटे से छह विधायक और दो विधान पार्षद ने मंत्री पद की शपथ ली। भाजपा के जनक राम किसी सदन के सदस्य नहीं हैं उन्हें भी शपथ दिलायी गई है। गृह विभाग को लेकर खूब सवाल उठ रहे थे। यह नीतीश कुमार के पास ही रहा।
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मंत्रिमंडल की स्थिति. किसके पास कौन विभाग
नीतीश कैबिनेट के 8 नए मंत्री
संजय झा- एमएलसी हैं और ब्राह्मण हैं।
श्रवण कुमार- नीतीश कुमार के गृह जिल नालंदा से सातवीं बार विधायक बने हैं। कुर्मी हैैं।
सुमित सिंह- नरेन्द्र सिंह के पुत्र हैं और चकाई से विधायक हैं। राजपूत हैं।
लेसी सिंह- धमदाहा से विधायक हैं। राजपूत हैं।
मदन सहनी- दरभंगा के बहादुरपुर से विधायक हैं। अतिपिछड़ा हैं।
जयंत राज- अमरपुर से विधायक हैं। कुशवाहा हैं।
जमां खान- चैनपुर से बसपा के टिकट पर विधायक बने और फिर जदयू में शामिल हो गए।
सुनील कुमार- भोरे से विधायक हैं। पूर्व डीजीपी भी हैं। दलित हैं।
भाजप से 9 नए मंत्री
शाहनवाज हुसैन- केन्द्र में मंत्री रह चुके हैं। कुछ दिनों पहले भाजप ने एमएलसी बनाया है।
नितिन नवीन- पटना की बांकीपुर सीट से विधायक हैं। कायस्थ हैं।
प्रमोद कुमार- मोतहारी से पांचवीं बार विधायक बने। अतिपिछड़ी जााति से आते हैैं।
सम्राट चौधरी- पूर्व मंत्री रह चुके हैं। शकुनी चौधरी के पुत्र हैं। विधान पार्षद हैं। कुशवाहा हैं।
नीरज सिंह बबली- छातापुर से विधायक हैं। राजपूत हैं
सुभाष सिंह- गोपालगंज से विधायक हैं। साधु यादव को हराया था। राजपूत हैं।
नारायण प्रसाद- पश्चिम चंपारण के नौतन से विधायक हैं। अतिपिछड़ा हैं।
आलोक रंजन झा- सहरसा से विधायक हैं। आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को हराया था। ब्राह्मण हैं।
जनक राम- किसी भी सदन में सदस्य नहीं हैं। गोपालगंज से सांसद रह चुके हैं। महादलित से आते हैं।