• मंत्री पद और विधायकी से हटने के बाद श्याम रजक ने सरकारी आवास छोड़ा

संवाददाता.

राजनीति में सुचिता का सवाल नीतीश कुमार उठाते रहे हैं। अब उन पर सवाल उठाया है श्याम रजक ने। पूर्व मंत्री श्याम रजक ने आज अपने सरकारी आवास को खाली कर दिया। बिहार सरकार में मंत्री होने की वजह से श्याम रजक को जो सरकारी बंगला और सुविधाओं मिली थी उसको उन्होंने छोड़ दिया। श्याम रजक ने कहा कि हमने ऩैतिकता का पालन करते हुए मंत्री और विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद आज सरकारी आवास को खाली कर दिया, लेकिन नीतीश कुमार को यह बताना चाहिए कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ा था, तो क्या-क्या सुविधा ली थीं?

श्याम रजक ने सीएम नीतीश से सवाल पूछा कि मुख्यमंत्री बताएं कि किस हैसियत के उनके खास राज्यसभा सांसद आरसीपी सिह सरकारी बंगला में रहते हैं। आरसीपी सिंह के अलावे पूर्व विधान पार्षद संजय सिंह भी सरकारी बंगले में रह रहे हैं। वे किस हैसियत से रह रहे हैं? क्या मुख्यमंत्री नैतिकता दिखायेंगे और उनसे बंगला खाली करवायेंगे? पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा कि कई और ऐसे लोग हैं जो अवैध तरीके से सरकारी बंगला में रह रहे हैं। श्याम रजक ने कहा कि सरकार में शामिल लोग सिर्फ नैतिकता की बात करते हैं, लेकिन हमने हमेशा नैतिकता दिखायी है। पूर्व पीएम चंद्रशेखर हमारे राजनीतिक गुरु और बाबा साहब अंबेडकर हमारे आदर्श हैं। जब हम बंगले में आये थे, तो तीन पेड़ थे, बाकी सब मैंने लगाए हैं। हमारा पर्यावरण और प्रकृति के प्रति प्रेम और कर्त्तव्य है। दलितों से संबंधित सवाल हमने सरकारी रिपोर्ट के आधार पर उठाए हैं।

कुछ दिन पहले की बात है जब श्याम रजक पाला बदलने की तैयारी में थे कि तभी जेडीयू ने उनको पार्टी से निकाल दिया था और सीएम नीतीश कुमार ने अपने कैबिनेट से भी बर्खास्त कर दिया था। श्याम रजक ने इसके अगले दिन विधायिकी से भी इस्तीफा दे दिया था और आरजेडी का दामन थाम लिया था। वे इससे पहले भी लंबे वक्त के आरजेडी में रहे हैं और राबड़ी शासनकाल में मंत्री भी रहे हैं।

श्याम रजक का यह कहना कि कई ऐसे लोग हैं जो अवैध तरीके से सरकारी बंगले में रहते हैं, सरकार पर गंभीर सवाल है। अभी चुनाव का समय है, ऐसे समय में ऐसे आरोप की गंभीरता बढ़ जाती है। इस मामले को लेकर कोई हाईकोर्ट चला गया तो फजीहत हो सकती है।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed