संवाददाता.

सोनिया गांधी अभी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। सात घंटे तक चली लंबी कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। खबर है कि फिलहाल सोनिया गांधी ही अंतरिम अध्यक्ष रहेंगी और छह महीने के भीतर नए अध्यक्ष की खोज कर ली जाएगी।

कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक सोमवार को भारी गहमागहमी से भरी हुई रही। बैठक में सोनिया गांधी को पत्र लिखने का मुद्दा सबसे गर्म रहा। पत्र मुद्दे पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी खासा नाराज नजर आए। सोनिया गांधी ने तो पद छोड़ने तक की पेशकश कर दी थी और कहा कि सीडब्ल्यूसी नया अध्यक्ष चुनने के लिए प्रक्रिया आरंभ करें। हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कुछ अन्य नेताओं ने उनसे आग्रह किया कि वह पद पर बनी रहें।

गुलाम नबी आजाद और पत्र लिखने वाले कुछ नेताओं पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी काफी नाराज नजर दिखे। सोनिया पत्र का हवाला देते हुए अपने इस्तीफे पर अड़ गईं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जब पार्टी राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया ?

पार्टी नेतृत्व को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं ने कहा कि संगठन की बेहतरी के लिए कुछ चिंताएं थीं, उन्हें बताने के लिए पत्र लिखा था। सूत्रों के अनुसार बैठक में अंबिका सोनी ने कहा कि पार्टी के नेतृत्व को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वालों के खिलाफ पार्टी संविधान के तहत कार्रवाई की जा सकती है।  गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने कहा कि उन्होंने सीमा में रहकर ही चिंताएं व्यक्त कीं, अगर फिर भी किसी को लगता है कि हमने अनुशासन भंग किया है तो कार्रवाई की जा सकती है।

 

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