एक तरफ बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या एक लाख पार कर गई है। दूसरी तरफ चुनाव आयोग ने कोरोना काल में चुनाव कराने के लिए नई गाइडलाइंस को मंजूरी दे दी। इस गाइडलाइंस के अनुसर अब सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए चुनावी बैठक करने की छूट दी गई है। चुनाव आयोग कोरोना महामारी के दौरान चुनाव कराने के लिए तीन दिनों के भीतर व्यापक दिशा-निर्देश तैयार करेगा।
आयोग ने कहा है कि कोरोना काल के दौरान चुनाव और उपचुनाव के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी करने के मसले पर मंगलवार को आयोग की बैठक में चर्चा की गई और इसमें राजनीतिक दलों द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार किया गया। साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा दिए गए सुझावों और सिफारिशों पर भी विचार किया गया।
आयोग की ओर से कहा गया है कि इन सभी पर विचार करने के बाद आयोग ने तीन दिनों के भीतर व्यापक दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश दिया है। आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि इन दिशानिर्देशों के आधार पर चुनाव कराने वाले राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को चुनावों के दौरान स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कोरोना से संबंधित उपायों के लिए संबंधित राज्य या जिले के लिए एक व्यापक योजना तैयार करनी चाहिए।
बता दें कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रह है और अक्तूबर-नवंबर में किसी समय चुनाव कराये जाने की संभावना है। कई पार्टियां पहले ही कह चुकी हैं कि कोरोना काल में चुनाव नहीं कराया जाए। केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने तो यहां तक कह दिया कि राष्ट्रपति शासन लगाना पड़े तो लगाया जाए पर कोरोना काल में चुनाव कराना ठीक नहीं होगा।