संवाददाता.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार से सवाल किया है कि केंद्र की इमरजेंसी रिस्पॉन्स एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेस पैकेज की दूसरी किश्त बिहार को क्यों नहीं मिली? पहली किस्त कितनी मिली थी? इसका पैसा कहां-कहां खर्च हुआ? डबल इंजन सरकार आखिर केंद्र से दूसरी किस्त लाने में क्यों नाकाम रही? यह पैकेज कोरोना नियंत्रण की तैयारियों के लिए वित्तीय मदद के रूप में मिलता है। उन्होंने ये सारे सवाल सवाल पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेन्स के दौरान उठाए।
बिहार सरकार पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना रिलीफ फंड्स में मिले पैसे अभी तक कहां-कहां खर्च किये? सरकार बताये कि उसने वेंटीलेटर्स, जांच किट्स और उससे संबंधित उपकरण खरीदे हैं या वह केंद्र सरकार पर निर्भर है? साथ ही पूछा कि 19-20 जुलाई को कोरोना की विस्फोटक हालत को देखते हुए आयी केंद्रीय टीम के सुझावों पर 20 दिनों में क्या प्रगति हुई है ?
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार से आग्रह किया कि वह प्रतिदिन आरटी-पीसीआर टेस्ट कम से कम 50 हजार कराए। इसके अलावा कोविड केयर के लिए एक लाख बेड्स का प्रबंध करें।
एक सवाल के जवाब के जवाब में उन्होंने कहा कि आज की स्थिति में राज्य सरकार कोरोना नियंत्रण को लेकर दिशाहीन साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि जांच के बारे में राज्य के दो आला मंत्रियों के आंकड़े ही विरोधाभासी हैं।
राजद नेता तेजस्वी ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री के साथ हाल ही में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राज्य सरकार की तरफ से रिपोर्ट दी गयी कि पांच नए मेडिकल कॉलेजों में आरटी-पीसीआर जांच केंद्र स्थापित किए गए हैं जबकि धरातल पर 11 अगस्त तक ऐसा नहीं देखा गया।

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