• बीमारी से राज्य में अभी तक 465 लोगों की मौत हो चुकी है

संवाददाता.

बिहार में जारी कोरोना महामारी की गंभीर स्थिति पर पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को कोर्ट द्वारा उठाए गए प्रश्नों का विस्तृत ब्योरा अगली सुनवाई में पेश करने का निर्देश दिया है। दिनेश कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब देने के 20 अगस्त तक की मोहलत दी है। कोर्ट ने कोरोना संकट से निबटने, कोरोना मरीजों की जांच और इलाज की व्यवस्था का पूरा ब्यौरा मांगा था। इसके साथ ही हाइकोर्ट ने जिला स्तरीय कोरोना अस्पतालों की जानकारी, वहां कार्यरत डॉक्टरों, नर्स, मेडिकलकर्मियों का विस्तृत जानकारी देने का भी निर्देश दिया था।

पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं, लेकिन जांच और इलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं है।

गुरुवार को कोर्ट ने बिहार सरकार को अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर व अन्य कोरोना इलाज की सुविधा का ब्यौरा देने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता की अधिवक्ता रितिका रानी ने कोर्ट को बताया कि राज्य में 9 आरटीपीसीआर होने की बात राज्य सरकार ने बताई है जिससे कोरोना की सही जांच होती है लेकिन 12 करोड़ की जनसंख्या वाले राज्य में इससे जांच कैसे संभव होगा। इस मामले में अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी। बता दें कि बिहार में कोरोना के मरीजों की संख्या 90 हजार के पार जा चुकी है। राज्य में रोज औसतन तीन हजार के करीब नए मामले आ रहे हैं। इस बीमारी से राज्य में अभी तक 465 लोगों की मौत हो चुकी है।

 

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