संवाददाता.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में विधानसभा सत्र के दौरान डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को अपने कमरे में बुलाया और स्थिति की पूरी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने डीजीपी को तुरंत उचित कदम उठाने का निर्देश भी दिया। निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय में दोपहर करीब तीन बजे डीजीपी की अध्यक्षता में पुलिस अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय बैठक की गयी, जिसमें इस मामले में आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक के बाद डीजीपी ने कहा कि जांच करने के लिए गए पटना सिटी एसपी को मुंबई में जबरन क्वारेंटिन करना पूरी तरह से गलत है। बीएमसी (बॉम्बे म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन) के नियमों का अध्ययन किया गया है। इसके आधार पर पटना आइजी संजय कुमार सिंह को बीएमसी के प्रमुख को एक प्रोटेस्ट लेटर लिखने के लिए कहा गया है। इसके ड्राफ्ट पर बैठक में विस्तार से चर्चा की गयी है। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि महाराष्ट्र के डीजीपी से उन्होंने बात करने की कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं हो पाई। उन्होंने बताया कि सिटी एसपी के जाने की सूचना पटना एसएसपी ने आधिकारिक तौर पर मुंबई पुलिस को पहले ही दे दी थी। आइपीएस मेस की मांग की गयी थी, लेकिन वह नहीं दी गई।
इसके बाद उन्होंने अपने स्तर से गेस्ट हॉउस की व्यवस्था की। मुंबई पुलिस ने पटना से गई पुलिस टीम का लोकेशन एसएसपी से जानने की कोशिश की थी, लेकिन यहां से उन्हें बताया नहीं गया। उन्होंने कहा कि टीम वहां चोरी-छिपे नहीं रह रही है। मामले की छानबीन करने के लिए कई जगहों पर जा भी रही है। फिर इतने दिनों बाद इस तरह से व्यवहार करना गलत है। इसका विरोध बिहार पुलिस करेगी।

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