संवाददाता.
पटना के सरदार पटेल भवन स्थित बिहार पुलिस मुख्यालय में तैनात एक आईजी और उनकी टीम में काम करने वाले 3 डीएसपी समेत कुल 12 लोग कोरोना संक्रमण के शिकार हो गए हैं। इसमें एक इंस्पेक्टर और कुछ जवान भी शामिल हैं। जानाकारी के अनुसार कोरोना के तेज़ी से फैलते संक्रमण के बीच लगातार यह टीम फील्ड में निकल रही थी। टीम में शामिल कुछ लोगों की तबियत बिगड़ी तो 15 जुलाई को कोरोना टेस्ट के लिए एक मेडिकल टीम को मुख्यालय में ही बुलाया गया था। आईजी समेत कई पुलिस वालों की जांच हुई। 17 जुलाई को टेस्ट रिपोर्ट आई और उसमें ही आईजी और उनके अधीनस्थ काम करने वाले कुछ लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वायरस की चपेट में आए 12 पुलिस अफसरों और जवानों में शामिल एक डीएसपी ने खुद को एडमिट कराने के लिए एम्स के डायरेक्टर को कॉल किया, उन्हें व्हाट्सअप पर मैसेज किया। बीमार डीएसपी ने खुद के डायबिटिक पेशेंट होने की जानकारी दी। साथ ही बताया कि साल 1998 में उनका एरोटिक वॉल्व भी बदला जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी उन्हें एडमिट नहीं किया गया। डीएसपी की मानें तो एम्स के डायरेक्टर ने कैंपस में ग्रुप डी स्टाफ्स की स्ट्राइक होने की बात कह सिर्फ आश्वासन दिया। स्ट्राइक खत्म होने पर हॉस्पिटल में एडमिट किए जाने की बात उन्होंने कही। लेकिन बीमार डीएसपी अब तक अपने घर पर ही पड़े हुए हैं। सहायता नहीं मिलने के कारण वे अब किसी भी प्रकार की इमरजेंसी से निपटने के लिए घर पर ही खुद से सारे इंतेजाम कर रहे हैं।

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