संवाददाता.
सचिव, सूचना एवं जन-सम्पर्क अनुपम कुमार ने बताया कि कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को लेकर लगातार सरकार के स्तर पर गहन समीक्षा की जा रही है। सभी बिन्दुओं पर ध्यान दिया जा रहा है और जो कमियां पायी जाती हैं, उनको दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। चिकित्सा व्यवस्था की गुणवत्ता को और अधिक बेहतर बनाने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। सभी अस्पतालों में कंट्रोल रूम सेटअप किये गये हैं ताकि लोगों को जानकारी प्राप्त करने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो, इसके लिए सभी कंट्रोल रूम के नम्बर्स विभिन्न माध्यमों से पब्लिक डोमेन में पब्लिश किये गये हैं। नियंत्रण कक्ष में हॉस्पिटल के मैनेजमेंट और सपोर्ट के लिए एडमिनिस्ट्रेटिव, नॉन क्लिनिकल और हॉस्पिटल मैनेजमेंट से जुड़े लोगों को लगाया गया है। इसके परिणाम सकारात्मक दिख रहे हैं और व्यवस्था में सुधार हुआ है। सभी जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को यह निर्देश दिया गया है कि उनके यहां जितने स्वास्थ्य संस्थान हैं, उनका वे संयुक्त रूप से निरीक्षण कर फीडबैक लें और कमियों को दूर करने का प्रयास करें। अगर मुख्यालय के स्तर से कोई कार्रवाई वांछित है तो उसके विषय में जानकारी दें। मेडिकल कॉलेजों के अनुश्रवण की जिम्मेदारी प्रमंडलीय आयुक्त को दी गयी है ताकि सुगमतापूर्वक स्वास्थ्य व्यवस्थाएं एवं आवश्यक सुविधाएं फंक्शनल रहें। डॉक्टर्स के रोस्टर को पब्लिक डोमेन में रखने के लिए मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल और हॉस्पिटल्स के इंचार्ज को निर्देश दिया गया है ताकि लोग देख सकें कि किस डॉक्टर की ड्यूटी है। पेशेंट्स के साथ आने वाले अटेंडेंटस के बैठने की समुचित व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। इंटरकॉम के माध्यम से ट्रीटमेंट के लिए प्रतिनियुक्त डॉक्टर्स या हॉस्पिटल मैनेजमेंट के लोगों से अटेंडेटस बात कर सकें, इसके लिए भी आज निर्देश दिये गये हैं। स्वास्थ्य विभाग को यह निर्देश दिया गया है कि विभिन्न हॉस्पिटल्स में नॉन क्लिनिकल साइड के जो लोग रहते हैं, उन सभी की सेवायें इस समय ली जाए। डॉक्टर्स की ड्यूटी ऑवर को रिड्यूस किया गया है और स्वास्थ्य संस्थान के प्रधानाचार्य या प्रमुख को डॉक्टर्स के ड्यूटी ऑवर्स को निर्धारित करने की जिम्मेदारी दी गयी है। सभी अस्पतालों में रिशेप्शन या ‘मे आई हेल्प यू’ बूथ यथाशीघ्र फंक्शनल कराने का निर्देश दिया गया है ताकि मरीज या उनके परिजन आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकें। उन्होंने बताया कि प्राइवेट हॉस्पिटल्स की व्यवस्था का समुचित अनुश्रवण करने के लिए भी पदाधिकारियों को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग को मैनपावर मैनेजमेंट के लिए भी कहा गया है ताकि मैनपावर को रेशनालाईज किया जा सके। एडिशनल मैनपॉवर के लिए विज्ञापन और वाक इन इंटरव्यू के माध्यम से व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है
स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना से पिछले 24 घंटे में 1,873 लोग स्वस्थ हुए हैं। अब तक 22,832 लोग कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं और इस प्रकार बिहार का रिकवरी रेट 68.13 प्रतिशत है। 23 जुलाई से अब तक कोविड-19 के 737 मामले प्रतिवेदित हुए हैं, जबकि 22 जुलाई एवं पूर्व के 1,083 कोरोना संक्रमण के नये मामले भी सामने आये हैं। वर्तमान में बिहार में कोविड-19 के 10,457 एक्टिव मरीज हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 10,456 सैंपल्स की जांच की गई है और अब तक की गयी कुल जांच की संख्या 4,29,664 है।
लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयत्नशील है और लोगों को गुणवत्तापूर्ण इलाज मिले इसके लिए पूरी टीम लगायी गयी है। मुख्य सचिव के स्तर से मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नियमित रूप से डिविजनल कमिश्नर और डी0आई0जी0, आई0जी0 को भ्रमण करने का निर्देश दिया गया है। मेडिकल कॉलेजों में डिविजनल कमिश्नर की देख-रेख में कंट्रोल रूम काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि एम्स पटना और आईजीआईएमएस पटना के विशेषज्ञों द्वारा लगातार डिस्ट्रिक्ट कोविड हेल्थ सेंटर्स में काम करने वाले लोगों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एन0सी0डी0सी0) और राम मनोहर लोहिया अस्पताल के विशेषज्ञों के द्वारा भी जिला स्तर पर लोगों को ऑनलाइन विधि से प्रशिक्षित कराया गया है। एम्स नई दिल्ली के विशेषज्ञ भी बिहार के चिकित्सकों से बातचीत कर माइल्ड टू मोडरेट केसेज का जो स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल है, उसे लेकर लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि मास्क नहीं पहनने वाले लोगों पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है। पिछले 24 घंटे में मास्क नहीं पहनने वाले 7,437 व्यक्तियों से 03 लाख 71 हजार 850 रूपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है। इस प्रकार 05 जुलाई से अब तक मास्क नहीं पहनने वाले 94,520 व्यक्तियों से 47 लाख 26 हजार रूपये की जुर्माना राशि वसूल की गयी है। कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और नये दिशा-निर्देशों का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं।

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