- इससे पहले यह पुरस्कार कला पर लिखने वाले पत्रकारों या स्वतंत्र लेखकों को दिया जाता रहा है
ओपिनियनः प्रणय प्रियंवद
बिहार सरकार ने यह दिखा दिया कि बिहार में ऐसे लेखकों की कमी नहीं है जो प्रशासन में यानी सरकारी नौकरी में हैं और कला के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ लेखन कर रहे हैं। इनका नाम राष्ट्रीय स्तर पर है। इसलिए समिति के चयन के बाद बिहार सरकार के कला संस्कृति विभाग ने इसे सही माना। इससे सरकार में रहकर कला के क्षेत्र में काम करने वाले अफसरों का मनोबल बढ़ेगा। पहले ज्यादातर बार चाक्षुष कला लेखन के लिए सरकार की समिति या सरकार, कला पर लिखने वाले वैसे लेखकों का चयन करती थी जो सरकारी अफसर न होकर पत्रकार या स्वतंत्र लेखक होते थे। इस बार नई परंपरा को महत्व देकर सरकार ने अपना मान बढ़ाया है। दोनों वर्षों 2018-19 और 2019-20 का दिनकर पुरस्कर दो सरकारी अफसर को देकर सरकार ने नजीर पेश की है। इससे पहले अफसरों को शिकायत रहती थी कि आखिर यह पुरस्कार उन्हें क्यों नहीं दिया जा सकता? सरकार ने अफसरों के बड़े वर्ग की पीड़ा समझी और यह फैसला लिया। इस साहस के लिए मंत्री प्रमोद कुमार और प्रधान सचिव रवि परमार की जितनी प्रशंसा की जाए कम होगी। इससे बिहार सरकार के कला मर्मज्ञ सीनियर अफसर व मुख्यमंत्री के सलाहकार अंजनी कुमार सिंह और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार को भी काफी खुशी हुई होगी। यह अफसरों के मेधा की जीत भी है। पुरस्कार के लिए चयनित दोनों अफसरों को 51-51 हजार रुपए सम्मान राशि के तौर पर मिलेंगे। बता दें कि अशोक कुमार सिन्हा की कई किताबें हैं और विनय कुमार ने भी कला पर किताब लिखी है। विनय कुमार भवन निर्माण विभाग में अफसर हैं और अशोक कुमार सिन्हा उद्योग विभाग में। अभी अशोक कुमार सिन्हा उद्योग विभाग की ओर से संचालित उपेन्द्र महारथी शिल्प संस्थान में डायरेक्टर हैं। दोनों राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कला लेखन के लिए चर्चित नाम हैं। हाल में भवन निर्माण विभाग की ओर से कलाकारों की कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इसमें विनय कुमार की बड़ी भूमिका रही। अशोक कुमार सिन्हा ने उपेन्द्र महारथी शिल्प संस्थान में कई आयोजन कराए।
फोटो- अशोक कुमार सिन्हा और विनय कुमार
बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग ने बिहार कला पुरस्कार वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए कलाकारों के नामों की घोषणा के लिए प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन एक सितंबर को 2 बजे दिन में किया गया, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन की वजह से प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन स्थगित कर दिया गया। इन पुरस्कारों में तीन पत्रकारों चंदन, दीपक और साकिब को रामेश्वर सिंह प्रदर्श कला लेखन पुरस्कार देने की घोषणा है। सबसे ज्यादा चर्चा दो सरकारी अफसरों भवन निर्माण विभाग के विनय कुमार और उद्योग विभाग के अशोक कुमार सिन्हा के नाम को लेकर है। यह चर्चा इसलिए है कि कहा जा रहा था सरकार अफसरों को पुरस्कार देने में संकोच कर रही थी। लेकिन सरकार ने संकोच को छोड़ समिति के प्रस्ताव को मान कर बता दिया कि लायक अफसर को पुरस्कार देने में सरकार को कोई गुरेज नहीं। इसके लिए कई बार बैठकें हुईं।
लगभग दो वर्षो के बाद बिहार कला पुरस्कार की घोषणा वर्ष 2020 में की गई है। चयनित कलाकारों को सम्मान राशि, स्मृति चिन्ह, मोमेंटो, प्रमाणपत्र एवं अंग वस्त्र प्रदान किया जाएगा। वरिष्ठ कलाकारों को 51 हजार और युवा कलाकारों को 25 हजार रुपये सम्मान राशि के रूप में दी जाएगी। राष्ट्रीय एवं लाइफटाइम एचीवमेंट सम्मान पाने वाले कलाकारों को एक लाख रुपए सम्मान स्वरूप दिए जाएंगे।
चाक्षुष कला के क्षेत्र में –
बिहार कला पुरस्कार – 2018-19
राधा मोहन पुरस्कार – रामू कुमार, अमरनाथ शर्मा
कुमुद शर्मा पुरस्कार – नीतू सिन्हा, शैल कुमारी
सीता देवी पुरस्कार – हेमा देवी
दिनकर पुरस्कार – विनय कुमार
प्रदर्श कला के क्षेत्र में –
भिखारी ठाकुर पुरस्कार – उमेश प्रसाद सिन्हा, रवि भूषण कुमार
विंध्यवासिनी देवी पुरस्कार – शिव चरण प्रसाद
रामेश्वर सिंह कश्यप पुरस्कार – चंदन, साकिब इकबाल खान
बिस्मिल्लाह खां पुरस्कार – मोहम्मद सरफुद्दीन
अंबपाली पुरस्कार – डॉ. अर्चना चौधरी, कुमार उदय सिंह
प्रदर्श कला के लिए राष्ट्रीय स्तर सम्मान – डॉ. शोभना नारायण
अंबपाली पुरस्कार – रमा दास, ग्रेसी
चाक्षुष कला के लिए राष्ट्रीय स्तर सम्मान – जय झिरोटिया
लाइफ टाइम एचीवमेंट पुरस्कार –
चाक्षुष कला – सत्यनारायण लाल
प्रदर्श कला – गणेश प्रसाद सिन्हा
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बिहार कला पुरस्कार – 2019-20
दिनकर पुरस्कार चाक्षुष कला लेखन – अशोक कुमार सिन्हा
प्रदर्श कला के क्षेत्र में –
भिखारी ठाकुर पुरस्कार – नवाब आलम, धर्मेश मेहता
विंध्यवासिनी देवी पुरस्कार – उमेश कुमार सिंह, चंदन कुमारी
रामेश्वर सिंह कश्यप पुरस्कार – दीपक कुमार
बिस्मिल्लाह खां पुरस्कार – डॉ. मुजतबा हुसैन, सुधांशु आनंद
चाक्षुष कला के लिए राष्ट्रीय सम्मान – अर्पणा कौर
लाइफटाइम एचीवमेंट पुरस्कार –
चाक्षुष कला – रजत घोष
प्रदर्श कला – रामचंद्र मांझी
चाक्षुष कला के क्षेत्र में –
राधा मोहन पुरस्कार – राजीव रंजन उर्फ राजीव राज, पिंटू प्रसाद
कुमुद शर्मा पुरस्कार – श्वेता साहा
सीता देवी पुरस्कार – फिरंगी लाल गुप्ता