• महागठबंधन की तीनों लेफ्ट पार्टियों सहित कांग्रेस पार्टी भी नई शिक्षक नियमावली में संशोधन की मांग कर रही
  • बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले कई शिक्षक संघ आंदोलन कर रहे

संवाददाता. पटना.

बिहार में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली में कोई बदलाव और संशोधन नहीं होगा। ये कहा है बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने। उन्होंने कहा कि नई नियमावली रोजगार पैदा करने वाली है। इसका विरोध करने वाले रोजगार के खिलाफ हैं। उन्होंने विरोध में खड़े संगठनों से समर्थन की अपील की है। एक तरफ लाखों शिक्षक और अभ्यर्थियों का विरोध जारी है और दूसरी तरफ शिक्षा मंत्री का यह बयान मंगलवार को आया है। सरकार ने 1.78 लाख शिक्षकों की नियुक्ति की मंजूरी कैबिनेट से दी है और जल्द ही इससे जुड़ी वेकेंसी बिहार लोक सेवा आयोग से आने वाली है।

बता दें कि नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को लेकर माले का मुखर विरोध है। बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा का संरक्षक और माले विधायक संदीप सौरभ, माले विधायक दल के नेता महबूब आलम और फुलवारी शरीफ के माले विधायक गोपाल रविदास कुछ दिन पहले पटना के आईएमए हॉल में आयोजित शिक्षक सम्मेलन में शामिल हुए थे। तब मंच से शिक्षक संघ के नेताओं ने नियमावली का पुरजोर विरोध किया था। तेजस्वी यादव पर वादा करके मुकर जाने का आरोप भी शिक्षकों ने लगाया था। माले के राज्य सचिव सहित अन्य लेफ्ट पार्टियों के नेता कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी सहित कई नेताओं से मुलाकात की है और कहा है कि नियोजित शिक्षकों को बिना की शर्त के राज्यकर्मी का दर्जा सरकार दे। समान कार्य के लिए समान वेतन सरकार को देना चाहिए।

शिक्षा मंत्री ने कहा विरोध के बीच शिक्षक नियुक्ति नियमावली पर कहा कि जो लोग संशोधन कराना चाहते हैं, वो सुन लें। बिहार सरकार की नीति स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि जो लोग विरोध में हैं, उन्हें नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली के समर्थन में खड़ा होना चाहिए। इसका विरोध शिक्षा हित में नहीं है। बिहार ज्ञान की भूमि रही है। इसको वापस लाना है। सरकार की तरफ से उसी दिशा में कदम बढ़ाया गया है। यदि कोई संगठन आंदोलन का रुख करता है तो वह उचित नहीं है।

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