• मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई

संवाददाता. पटना.

शिक्षक अभ्यर्थियों की मांग है कि सातवें चरण की शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए। बता दें के इसके लिए नई नियमावली को वित्त से अनुमति मिल चुकी है। इसे कैबिनेट में स्वीकृति के लिए जाना है। इस सब के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अणे मार्ग स्थित संकल्प में शिक्षा विभाग की बैठक की और शिक्षा से जुड़े कई मामलों की समीक्षा की।

बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया कि शिक्षकों के खाली पदों को जल्द भरें। जहां शिक्षकों की कमी है, वहां शिक्षकों की जल्द बहाली हो ताकि छात्र – छात्राओं के पठन-पाठन में कोई दिक्कत न हो। राज्य के सभी सरकारी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शुरू की गई उन्नयन बिहार कार्यक्रम का क्रियान्वयन ठीक ढंग से कराते रहें ताकि छात्र-छात्राएं इसका लाभ उठा सकें। सात निश्चय योजना के अंतर्गत बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की गई ताकि छात्र-छात्राओं को आगे की पढ़ाई करने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। इस योजना का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से कराएं और छात्र-छात्राओं के बीच इसका प्रचार-प्रसार भी कराएं ताकि वे इस योजना का लाभ उठा सकें। केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य को दी जानेवाली केंद्रांश की राशि अभी तक नहीं दी गयी है, इसको लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस संदर्भ में केन्द्र सरकार पुनः पत्र लिखें।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार में कई कदम उठाए गए हैं। बड़ी संख्या में प्राथमिक विद्यालय और मध्य विद्यालय की स्थापना की गई है। विद्यालय भवनों का भी निर्माण कराया गया है। सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की गई है, इससे अब छात्र – छात्राओं को अपने पंचायत में ही उच्च माध्यमिक शिक्षा मिल सकेगी। हमलोग चाहते हैं कि छात्र-छात्राएं बेहतर ढंग से पढ़ाई करें। छात्राओं के शैक्षणिक स्तर में सुधार होने से प्रजनन दर में और कमी आएगी। पहले से राज्य में प्रजनन दर घटा है। प्रजनन दर को कम करने में शिक्षा का बहुत महत्व है। अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अतिपिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग की लड़कियों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन के दौरान राष्ट्रपिता म और मौलाना अबुल कलाम आजाद के जीवन वृत्त, सिद्धांतों एवं उनके विचारों के बार जाता है। इसका उद्देश्य है कि नई पीढ़ी के बच्चे-बच्चियां अपने महापुरुषों और देश की के बारे में ठीक ढंग से जान सकें।

बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विभाग के अद्यतन कार्यों एवं उपलब्धियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने विद्यालयों के प्रभावी ढंग से संचालन के लिए किए जा रहे कार्यों की चर्चा की। साथ ही विभाग की प्रशासनिक संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थाओं, प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति और आवश्यक आधारभूत संरचना का निर्माण, कार्यरत शिक्षकों की संख्या तथा बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के संबंध में अद्यतन जानकारी दी। शिक्षा विभाग की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं, कार्यक्रमों एवं गतिविधियों के संबंध में भी अपर मुख्य सचिव, शिक्षा ने विस्तृत जानकारी दी।

बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, शिक्षा विभाग के सचिव असंगवा चुबा एओ, निदेशक माध्यमिक शिक्षा मनोज कुमार, निदेशक प्राथमिक शिक्षा रवि प्रकाश, निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. सज्जन आर., विशेष सचिव सह निदेशक मध्याह्न भोजन योजना सतीश चंद्र झा सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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