- उपेन्द्र कुशवाहा ऐसे चौथे नेता बने जिन्होंने राजनीति के चारों धाम की यात्रा की
- कुशवाहा को कौन सा मंत्रालय मिलता है इसकी चर्चा शुरू
बिहार विधान परिषद में राज्यपाल मनोनयन के तहत 12 नेताओं को एमएलसी बनाया गया। बुधवार को विधान परिषद में इन्हें शपथ दिलायी गई। इसमें सबसे चर्चित नाम उपेन्द्र कुशवाहा हैं। वे केन्द्र में मंत्री भी रह चुके हैैं। विधान परिषद् सदस्य बनने के बाद वे राजनीति के चारों धाम (लोक सभा, राज्य सभा, विधान सभा और विधान परिषद) जाने वाले नेता भी बन चुके हैं। इससे पहले बिहार यह रिकार्ड नागमणि, लालू प्रसाद यादव और सुशील कुमार मोदी बना चुके हैं। कुशवाह किस विभाग के मंत्री बनाए जाते हैं इसकी चर्चा राजनीतिक गलियार में तेज है। मनोनयन के बाद जदयू के अंदर से भी विरोध शुरू हो गया है।
जदयू प्रवक्ता ने कहा- अन्याय हुआ
राज्यपाल कोटे से मनोनयन के बाद जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि कायस्थ जाति के किसी नेता का नाम इसमें नहीं है। जदयू के छह सदस्यों के मनोनयन को मैं अन्यायपूर्ण मानता हूं। मुख्यमंत्री को मनोनयन का अधिकार है लेकिन इस सूची से मैं आहत हूं। मुझ जैसे नेता को नजरअंदाज किया जाना कहीं से सही नहीं ठहराया जा सकता। इस फैसले से कायस्थों के लिए जदयू में बचा ही क्या रह गया है।
हम पार्टी सुप्रीमो जीतन राम मांझी भी नाराज
पूर्व मु्ख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी इस मनोनयन पर अपना दुख प्रकट किया है। हम ने एक सीट की मांग रखी थी। मांझी ने कहा कि हमलोग निराश हुए हैं। कम से कम हमारी पार्टी को और वीआईपी को एक-एक सीट मिलनी चाहिए थी।
वीआईपी का विरोेध
वीआईपी प्रवक्ता राजीव मिश्रा ने कहा है कि वीआईपी इस मनोनयन का विरोध करती है। नोनिया समााज को मनोनयन में प्रतिनिधित्व नहीं देने क मामला उन्होंने उठाया है।
- जदयू से मनोनीत
रालोसपा का विलय जदयू में करके जदयू में आए उपेंद्र कुशवाहा, संजय सिंह, संजय कुमार सिंह उर्फ संजय गांधी, ललन कुमार सर्राफ, डॉ. राम वचन राय और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी।
- भाजपा से मनोनीत
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता, महामंत्री जनक राम और देवेश कुमार, प्रमोद चंद्रवंशी, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश प्रभारी निवेदिता सिंह और मधुबनी जिले के पूर्व भाजपा अध्यक्ष घनश्याम ठाकुर।