- घटना उत्तर प्रदश के हातरस की है
- 14 दिनों तक तड़पती रही लड़की, जीभ काटे जाने के कारण बोलने की स्थिति में नहीं थी, रीढ़ भी तोड़ दी गई और गर्दन भी मरोड़ा
संवाददाता.
उत्तरप्रदेश के हातरस में 19 बरस की दलित बेटी के साथ गैंग रेप की घटना ने देश भर को झकझोर दिया है। चार नीच ठाकुरों ने यह हरकत की है। हैवानियत की हद यह कि दरिंदों ने उसके चेहर को इस तरह से कुचल दिया कि वह बोल पाने क स्थिति में नहीं थी। उसकी जीभ भी काट दी गई, रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई और गर्दन मरोड़ दी गई। वह अपनी मां और भाई के साथ घास काटने गई थी। मंगलवार की सुबह दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में वह जिंदगी की जंग हार गई। मीडिया को उसके पिता ने जो बताया है वह इस तरह है- “ये लोग गांव के ठाकुर हैं। ये लोग मेरी बेटी से दरिंदगी करने से पहले मेरे पिता से भी मारपीट कर चुके हैं। उनकी उंगलियां तक काट दी थी। ये हमे डराते धमकाते रहते थे। हम हमेश बर्दाश्त करते और सोचते कि चलो जाने दो। अब उन्होंने हमारी बेटी के साथ अत्याचार किया है।”
14 सितंबर का काला दिन
परिवार के अनुसार 14 सितंबर के दिन सुबह-सुबह पीड़िता, उसका बड़ा भाई और मां गांव के जंगल मं घास काटने गए थे। जब घास की एक गठरी बंध गई तो बड़ा भाई उसे लेकर घर चला गया। मां और बेटी खेत में अकेले रह गए। मं आगे घास काट रही थी। इसी समय चार दरिंदों ने पीड़िता के गले में पड़े दुपट्टे से उसे बाजरे के खेत में खींच लिया और उसके साथ गैंगरेप किया। पीड़िता के भाई ने प्रेस को बताया कि मां ने बहन को आवाज दी तो उसका कोई जवाब नहीं आया। पहले उन्हें पानी देने के लिए बनाए गए मेढ़ में उसके चप्पल दिखे, फिर बाजरे के टूटे पौधे दिखे तो वह खेत में गई। खेत में 20 मीटर भीतर वह बहुत बुरी हालत में पड़ी थी। चेहरे पर पानी डालने पर भी उसे होश नहीं आया। पीडित लड़की के पिता ने बताया कि वे दरिंदे खेत का चक्कर लग रहे थे। लेकिन मेरी बेटी और पत्नी उनके इरदे को भांप नहीं पाए। उन्होंने घात लगाकर मेरी बेटी को शिकार बनाया।
सफदरगंज अस्पताल में मंगलवार 28 सितंबर को पीड़िता की मौत के बाद अस्पताल के बाहर काफी हंगामा हुआ। पीड़िता के पिता और भाई ने दरिंदों को फांसी देने की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने फास्ट ट्रैक में मुकदमा चलाकर दरिंदों को सजा देने की मांग की है। काग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी ने ने ट्वीट किया कि कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे और कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की। उन्होंने उत्तरप्रदेश सरकार की भी आलोचना की है।