संवाददाता.

फर्जी प्रमाणपत्र पर शिक्षक प्रोमोशन ले लेते हैं और रियारमेंट के बाद शिक्षा विभाग की नींद खुलती है। आप भी सुन कर चकित हो रहे होंगे। लेकिन यह बिहार में हुआ है और इसको लेकर कार्रवाई की अंतिम चेतावनी जारी की गई है।

राजधानी पटना के 32 प्रधानाध्यापकों से शो-कॉज पूछा गया है। पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पत्र लिखकर 32 मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक से जवाब तलब किया है। पत्र में कहा गया है कि अब तक कई पत्रों के माध्यम से आप सभी से स्नातकोत्तर की उपाधि विनायक मिशन विश्वविद्यालय सलेम तमिलनाडु एवं महात्मा गांधी विश्वविद्यालय मेघालय से पत्राचार के माध्यम से प्राप्त किया गया है, जिसे यूजीसी ने 23 अगस्त 2013 को ही अमान्य कर दिया है। आपके द्वारा अमान्य स्नातकोत्तर डिग्री के आधार पर प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति किए जाने के फलस्वरूप स्पष्टीकरण की मांग की गई थी, जो आपके द्वारा अब तक नहीं उपलब्ध कराया गया है। यह विभागीय आदेश का उल्लंघन है। इसलिए एक सप्ताह के अंदर अपना स्पष्टीकरण दें। साथ ही स्नात्कोत्तर डिग्री का मूल प्रमाण पत्र एवं अंकपत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। विलंब होने की स्थिति में आप के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। यह भी कहा गया है कि जो प्रधानाध्यापक सेवानिवृत्त हो गए हैं उनके संबंध में वांछित कागजात प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी प्रस्तुत करेंगे।

 

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