संवाददाता.

अररिया की दुष्कर्म पीड़िता को जेल भेजे जाने का मामला अब पटना हाईकोर्ट पहुंच गया है। पटना हाईकोर्ट ने देर रात ही इस मामले पर संज्ञान ले लिया। वकीलों द्वारा लिखे गए पत्र को पटना हाईकोर्ट ने लोकहित याचिका में बदल दिया है। हाईकोर्ट ने रातों– रात अररिया के जिला जज से रिपोर्ट मांग कर सही जानकारी ली है। अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश की दो सदस्यीय खंडपीठ करेगी अथवा न्यायाधीश दिनेश कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ करेगी।
सुप्रीम कोर्ट और पटना हाईकोर्ट के करीब 376 वकीलों द्वारा लिखे गए पत्र में जिक्र किया गया है कि पीड़िता मानसिक रूप से बहुत तनाव में थी और उसे उल्टे जेल भी जाना पड़ा। बिहार में कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता को जेल भेजे जाने पर देशभर के जाने-माने वकीलों ने विरोध जताते हुए बुधवार को पटना उच्च न्यायालय से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी। बता दें कि बिहार के अररिया जिला की एक अदालत के समक्ष पीड़िता अपनी उक्त दोनों सहयोगियों के साथ बयान दर्ज कराने गई थी। अदालत की अवमानना के आरोप में उन्हें हिरासत में ले लिया गया था।

पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों को संबोधित 376 अधिवक्ताओं ने हस्ताक्षरित पत्र लिखा। इसमें बताया गया कि 22 वर्षीय पीड़िता और उसकी दो सहयोगी सामाजिक कार्यकर्ताओं को 10 जुलाई को भादंवि की धारा 164 के तहत न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष बयान दर्ज कराने के वक्त न्यायिक हिरासत में लेकर समस्तीपुर जिले की दलसिंहसराय जेल भेज दिया गया था।

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