पटना.
सचिव, सूचना एवं जन-संपर्क अनुपम कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति को लेकर लगातार जरूरी कार्रवाई की जा रही है। बिहार मंत्रिपरिषद द्वारा कल की बैठक में बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 में संशोधन को मंजूरी दी गयी है। इसका मुख्य उदेश्य है कि बिहार में निवेश आए और साथ ही साथ बाहर से आए श्रमिकों एवं यहां रहनेवाले सभी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। नीति की प्रभावी अवधि को वर्तमान से अगले 5 वर्षो के लिए बढ़ाकर 31.03.2025 तक कर दिया गया है। इसके अलावा बहुत सारे प्रक्षेत्रों को प्राथमिकता कोटि में समावेशित किया गया है। बाहर से आए श्रमिकों का स्किल सर्वे कराया गया है, ऐसे में उनके स्किल से संबंधित इकाई यही पर स्थापित हो इसके लिए यह संशोधन किया गया है| उन्होंने बताया कि राज्य के बाहर में स्थापित उद्योगों के बिहार में स्थानांतरण को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज लाया गया है। यह प्रोत्साहन पैकेज एक वर्ष के लिए वैद्य होगा। इस पैकेज के तहत प्लांट और मशीनरी के स्थानांतरण और उनके स्थापना पर हुए व्यय के 80 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। साथ ही कच्चे माल के परिवहन पर हुए व्यय का 80 प्रतिशत भी राज्य सरकार वहन करेगी। इस प्रकार की औद्योगिक इकाईयां अगर यहां आती हैं तो बिहार के लिए यह एक अच्छा अवसर होगा क्योकि, यहां मैनपावर उपलब्ध है, इसलिए यहां पर इकाईयां आसानी से स्थापित हो पाएंगी।
अनुपम कुमार ने बताया कि सभी जिला पदाधिकारियों को भी काफी फ्रीडम दिया गया है। जिले में क्लस्टर एप्रोच अपनाकर स्किल के हिसाब से इंडस्ट्रीज को स्थापित किया जा सकता है। प्रत्यके जिले को इनोवेशन फण्ड/स्कीम के अंतर्गत 50 लाख रूपये की राशि दी गयी है। इसमें एक इकाई स्थापित करने के लिए अधिकतम 10 लाख रूपये की राशि अनुमान्य है, इसलिए एक जिला में 5 इकाईया स्थापित हो सकती है। जिलाधिकारी अपने टीम के माध्यम से या जो स्किल सर्वे हुआ है उसके अनुसार इंडस्ट्रीज को स्थापित करने की कार्रवाई कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य के निगम निकाय के जितने पी0एस0यू0 हैं, उन सबको जिम्मेवारी दी गयी है। उनमे जिलों को बाँट दिया गया है ताकि कम से कम प्रत्येक जिले में दो इकाईयां स्थापित हो सकें। राज्य के सभी पी0एस0यू0 को जॉइंट वेंचर के लिए भी परमिट किया गया है। इस तरह के क्लस्टर्स को तीन साल तक संबंधित पी0एस0यू0 के द्वारा सपोर्ट भी किया जाएगा। इस औद्योगिक नीति में यह काफी प्रयास किया गया है कि स्थानांतरित करके यदि कोई उद्योग यहाँ लाना चाहते हैं तो ला सकते हैं| इसके अलावा यहाँ के श्रमिक यदि आपस में मिलकर कोई इकाई स्थापित करना चाहते हैं जिसमे वे दक्ष हैं तो उन्हें भी सरकार द्वारा सुविधा दी जायेगी।
सचिव, सूचना एवं जन-संपर्क ने बताया कि अभी तक गैर राशन कार्डधारी सुयोग्य परिवारों के लिए 22 लाख 44 हजार नये राशन कार्ड बनाये जा चुके हैं। राशन कार्ड का वितरण भी प्रारंभ हो गया है और अब तक 01 लाख 03 हजार 505 नये राशन कार्ड वितरित किये जा चुके हैं। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने 15 जुलाई तक नये राशन कार्ड का वितरण पूर्ण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन पीरियड से लेकर अभी तक 4 लाख 73 हजार से अधिक योजनाओं के अंतर्गत लगभग 8 करोड़ 62 लाख से अधिक मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है।