संवाददाता. पटना

व्यवसायी महासंघ ने घोषणा की है कि 3 दिसंबर 2025 को बिहार विधानसभा के समक्ष एक विरोध धरना का आयोजन किया जाएगा. यह धरना पटना शहर में फुटपाथ दुकानदारों, सर्वेक्षित वेंडरों तथा झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब परिवारों को बेदखल करने की हालिया कार्रवाईयों के विरोध में आयोजित किया जा रहा है।

इस संबंध में माले के आरा से सांसद एवं व्यवसायियों के नेता सुदामा प्रसाद ने उक्त जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अतिक्रमण के नाम पर जिन फुटपाथ दुकानदारों का विधिवत सर्वेक्षण हुआ है और जिन्हें नगर निगम द्वारा वेंडिंग पहचान-पत्र जारी किया गया है, उन्हें भी लगातार उजाड़ा जा रहा है।

सुदामा प्रसाद ने बताया कि इस मुद्दे पर आज पटना कमिश्नर से भी मुलाकात की गई और फुटपाथ दुकानदारों पर हो रही प्रशासनिक कार्रवाइयों पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई।

फुटपाथ दुकानदारों पर कार्रवाई को बताया अन्यायपूर्ण

उन्होंने कहा कि न्यू मार्केट, महावीर मंदिर, वीणा सिनेमा से लेकर दक्षिण बुद्ध पार्क तक के क्षेत्र में बड़ी संख्या में सर्वेक्षित फुटपाथ दुकानदारों को हटाया गया है।

यह कार्रवाई न केवल स्ट्रीट वेंडर्स (सुरक्षा एवं आजीविका संरक्षण) एक्ट का उल्लंघन है, बल्कि गरीब परिवारों के मौलिक अधिकारों का भी हनन है।

सुदामा प्रसाद ने यह भी कहा कि जब नगर निगम द्वारा दुकानदारों को वेंडिंग आईडी दी गई है और प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत इन्हें 10,000 से 50,000 रुपये तक के लोन स्वीकृत किए गए हैं, तो फिर अतिक्रमण के नाम पर लगातार जुर्माना लगाना, ठेला जब्त करना और दुकानों को हटाना पूरी तरह अनुचित है।

मांगें

व्यवसायी महासंघ एवं फुटपाथ दुकानदारों की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:

1. उजाड़े गए दुकानदारों के लिए तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।

2. सर्वेक्षित वेंडरों को बेदखल करने पर पूर्ण रोक लगे।

3. स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए।

4. जब्त किए गए ठेले व सामान तुरंत वापस किए जाएँ।

5. भविष्य में कार्रवाई से पहले विधिसम्मत नोटिस व पुनर्वास की व्यवस्था अनिवार्य की जाए।

धरने की तैयारी को लेकर आज पूर्व विधायक आवास में एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें शंभू नाथ मेहता, फुटपाथ दुकानदार नेता शहजादे आलम सहित लगभग 8 जिलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 3 दिसंबर को बड़ी संख्या में दुकानदार और व्यापारी विधानसभा पहुंचकर अपना विरोध दर्ज करेंगे।

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