• 1290 अपराधियों की संपत्ति रडार पर, जल्‍द होगी जब्त
  • संगठित गैंग चलाने वालों की हो रही निगरानी
  • 82 नक्सली और 700 अपराधी गिरफ्तार, फास्ट ट्रैक कोर्ट की फिर होगी शुरुआत

संवाददाता. पटना

अब राज्यभर के सुपारी किलर्स की पहचान कर उनका डिजिटल तैयार किया जा रहा है। इसके लिए एसटीएफ के तहत ‘सुपारी किलर निगरानी सेल’ का गठन कर दिया गया है। ये सेल ऐसे अपराधियों की फोटो, नाम, पता, अपराध इतिहास समेत विस्तृत जानकारी का रिकॉर्ड तैयार करेगा। यह जानकारी एडीजी (मुख्यालय) सह एसटीएफ प्रमुख कुंदन कृष्णन ने दी। उन्होंने बताया कि इस पहल से अपराधियों की पहचान आसान होगी और वारदात की साजिशों को समय रहते विफल किया जा सकेगा।

संगठित गैंगस्‍टर्स पुलिस के निशाने पर
एडीजी ने बताया कि कोढ़ा गैंग और बेगूसराय के तिवारी गैंग पर विशेष नजर रखने के लिए अलग-अलग सेल का गठन कर दिया है। वहीं, नशे के अवैध धंधे पर लगाम के लिए एसटीएफ में नॉरकोटिक्स सेल भी सक्रिय कर दिया है। इसकी क्षमताओं को बढ़ाया जा रहा है और थानों के साथ तालमेल मजबूत किया जा रहा है।

फास्ट ट्रैक कोर्ट की वापसी की तैयारी
पुलिस विभाग राज्य में संगीन अपराधों में शामिल आरोपियों को जल्‍द सजा दिलाने के लिए भी हाइपर एक्‍शन मोड में है। इसके लिए फिर से फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित किए जा रहे हैं। एडीजी ने बताया कि इसके लिए गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि पहले की तुलना में अब सालाना सजा दिलवाने की दर में गिरावट आई है, 2012-13 तक जहां सालाना 2 से 3 हजार अपराधियों को सजा मिलती थी, अब यह आंकड़ा 500 से 600 पर सिमट गया है। जिसे लेकर बिहार पुलिस गंभीर है।
1290 अपराधियों की संपत्ति जब्त होगी
एडीजी कुंदन कृष्णन ने बताया कि राज्य में ऐसे 1290 अपराधियों की पहचान की गई है। जिन्होंने आपराधिक गतिविधियों से संपत्ति अर्जित की है। पुलिस अब उनकी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी नाबालिग के पास पिता का लाइसेंसी हथियार पाया गया तो उसके अभिभावक को जेल भेजा जाएगा।

एडीजी ने कहा कि मई-जून 2024 की तुलना में 2025 में आपराधिक घटनाओं में कमी आई है। कई बड़ी घटनाएं जैसे दानापुर ज्वेलरी लूट, आरा में तनिष्क कांड और समस्तीपुर बैंक लूट के आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा लूट की दर्जनों घटनाओं को समय रहते रोका गया है। राज्य में नक्सल प्रभावित इलाकों से नक्सलियों का प्रभाव तेजी से खत्म हो रहा है। इस साल अब तक 82 नक्सलियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गया, औरंगाबाद, मुंगेर और जमुई जैसे क्षेत्रों में हथियारबंद दस्तों का सफाया हो चुका है। एडीजी ने कहा कि जमुई और खड़गपुर के कुछ हिस्सों में नक्सली अभी बचे हैं, लेकिन जल्द ही वहां भी शांति बहाल कर दी जाएगी।

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