BPSC 68 वीं मुख्य प्रतियोगिता परीक्षा 12 मई को एक पाली में, 17 मई और 18 मई को दो पालियों में पटना के 7 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जा रही है। इसमें कुल 3444 अभ्यर्थी होंगे। पटना में पटना कॉलेजियट स्कूल, दरियापुर, राजकीय कन्या द्वातशीय विद्यालय, बांकीपुर, बी.एन. कॉलेजियट उच्च माध्यमिक विद्यालय बांकीपुर, उच्च माध्यमिक फुलवारीशरीफ, कमला नेहरू उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय यारपुर गर्दनीबाग और राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय गर्दनीबाग में सेंटर होंगे।
पहली बार निबंध भी शामिल
इस परीक्षा में पूर्व की प्रमुख परीक्षाओं में आंशिक संशोधन करते हुए सब्जेक्टिव और वस्तुनिष्ठ परीक्षाएं आयोजित की जा रही है। ऐच्छिक विषय, वस्तुनिष्ठ प्रकृति और क्वालीफाइंग होंंगे। शेष सभी विषय सब्जेक्टिव प्रकृति के होंगे, जिसमें हिंदी विषय एक सौ अंकों का क्वालीफाइंग होगा। सामान्य अध्ययन प्रथम और द्वितीय 300-300 अंकों का होगा। पहली बार इस परीक्षा में निबंध विषय को सम्मिलित किया गया है, जो 300 अंकों का है।
मुख्य परीक्षा के लिए मेधा का निर्धारण सामान्य अध्ययन प्रथम और द्वितीय तथा निबंध विषय में प्राप्तांक के आधार पर किया जाएगा। सब्जेक्टिव परीक्षाओं को लिखने का माध्यम हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में से एक होगा जिसको अभ्यर्थियों को उत्तर पुस्तिका में दर्ज करना है। परीक्षा के एक घंटा पहले अभ्यर्थियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लग जाएगा। इसलिए 2 घंटे पहले से एंट्री शुरू हो जाएगी।
कुछ अन्य खास बातें
सब्जेक्टिव विषयों का प्रश्न उत्तर पुस्तिका में ही होगा और प्रश्नों के उत्तर निर्धारित स्थान पर ही लिखने होंगे। घर ले जाने के लिए अलग से प्रश्न पत्र मिलेगा।
परीक्षा शुरू होने के एक घंटा पहले परीक्षा केंद्र में प्रवेश पूर्णतया वर्जित है इसलिए अभ्यर्थियों को परीक्षा शुरू होने से 2 घंटे पहले परीक्षा केंद्र पहुंचे।
परीक्षा केंद्र पर मोबाइल, रिस्ट वॉच आदि के प्रवेश पर रोक होगी।
परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल जैमर की व्यवस्था की गई है।
अभ्यर्थियों की जांच बायोमेट्रिक उपस्थिति, आइरिस कैपचरिंग और फेशियल रिकॉग्निशन के माध्यम से किया जाएगा।
एक्सपर्ट की राय
अरूण कुमार, यूपीएससी-बीपीएससी एग्जाम एक्सपर्ट
यूपीएससी और बीपीएससी परीक्षा की तैयारी कराने वाले पूर्व आईएएस अरुण कुमार कहते हैं कि बीपीएससी, यूपीएससी के रास्ते पर जा रहा है। इसके लिए अभ्यर्थी निर्धारित जगह पर लिखने की प्रैक्टिस करें। जगह पर्याप्त रहती है और यह वैज्ञानिक है। ठीक से प्रैक्टिस कर बेहतर लिखा जा सकता है। निबंध को मैंने तीन पार्टी में पढ़ाया है- सामाजिक-राजनीतिक, दार्शनिक, तीसरा बिहार का आंचलिक विषय।