संवाददाता. पटना.

वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने भाजपा को हल्के में ले लिया था और यूपी चुनाव से लेकर बिहार उपचुनाव तक मोर्चा खोल रखा है। अब CM नीतीश कुमार ने राज्यपाल से उन्हें बर्खास्त करने की सिफारिश कर दी है। राजभवन से इससे संबंधित लेटर कभी भी जारी हो सकता है। सहनी बिहार सरकार के कैबिनेट में पशु व मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री हैं। बताया जा रहा है कि नरेन्द्र मोदी और अमित शाह से मुलाकात के बाद ही यह फैसला ले लिया गया था कि सहनी को हटाया जाएगा।

पिछले तीन दिन से भाजपा सहनी से मंत्री पद से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग कर रही थी, लेकिन सहनी इस्तीफा नहीं देने पर डटे हुए थे। उन्होंने दो टूक कहा था कि ‘मैं सन ऑफ मल्लाह हूं, उनके अधिकार के लिए लड़ाई लड़ता रहूंगा। मेरी कोई गलती नहीं है, अपने समाज के लिए आरक्षण मांगा है। सभी जगह आरक्षण मिला है। बिहार में नहीं मिला। किसी के सामने नहीं झुकूंगा।’ लेकिन पुष्पा स्टाइल वाला बयान नहीं झुकूंगा बयान भी सहनी के काम नहीं आया।

बता दें कि मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के तीनों विधायक राजू सिंह, स्वर्णा सिंह और मिश्री लाल यादव ने वीआईपी छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद से ही यह तय हो गया था कि सहनी का मंत्री पद जाना तय है सहनी को भी इसका भान हो गया था इसलिए उन्होंने अपने घर के आगे से अपना नेम प्लेट हटा दिया था।

भाजपा ने विधान सभा चुनाव में यूपी विजय के बाद बिहार में यह ऑपरेशन चलाया। यूपी चुनाव में मुकेश सहनी ने अपना उम्मीदवार तो उतारा ही था नरेन्द्र मोदी और योगी के खिलाफ बयानबाजी भी की थी। अब भाजपा ने अपना तेवर दिखा दिया। वीआईपी के तीन विधायक भाजपा में शामिल होने के बाद भाजपा ने राजद को पीछे छोड़ते हुए सबसे बड़ी पार्टी का तगमा भी अपने नाम कर लिया। राजद के पास जहां 75 विधायक हैं वहीं भाजपा के पास 77 विधायक।

By

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *