संवाददाता. पटना

हिंदी के चर्चित लेखक-चिंतक प्रेम कुमार मणि की नई किताब ‘भारत एक विचार- परम्परा’ का लोकार्पण सोमवार को पटना पुस्तक मेले में इतिहासकार प्रोफेसर ओ.पी. जायसवाल और डी.एन. गौतम ने किया। राजकमल प्रकाशन से आई उनकी यह किताब इतिहास और संस्कृति पर केन्द्रित है। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर कुमार वरुण ने किया।

लोकार्पण के अवसर पर प्रेम कुमार मणि ने कहा कि भारतीय संस्कृति, इतिहास और विचार परम्परा को लेकर मेरे अंतर्मन में जो सवाल उमड़ते थे खुद को उन्हीं सवालों के जवाब देते हुए मैंने इस पुस्तक की रचना की है।

भारतीय संस्कृति और इतिहास पर आधारित करीब सात सौ पृष्ठों की इस वैचारिक पुस्तक में भारत को समझने की एक सरल और जरूरी कोशिश मणि ने की है। यह पुस्तक भारत को केवल एक भू-भाग या राजनीतिक इकाई के रूप में नहीं, बल्कि एक सतत विचारधारा के रूप में देखती है। इसका उद्देश्य अकादमिक बहसों से बाहर निकलकर आम पाठक से संवाद करना है और यह बताना है कि हजारों वर्षों में भारत कैसे बना, बदला और अपनी मूल पहचान बनाए रखी।

यह किताब भारत की लंबी सामाजिक-सांस्कृतिक यात्रा को सरल भाषा में समझने और अपनी वैचारिक परम्परा को नए सिरे से देखने का अवसर देती है। किताब उन सभी पाठकों के लिए उपयोगी है जो आज के भारत को उसकी ऐतिहासिक और वैचारिक पृष्ठभूमि के साथ समझना चाहते हैं। पुस्तक यह रेखांकित करती है कि इतने उतार-चढ़ावों के बावजूद समय से सीखते हुए और आगे बढ़ते हुए कैसे भारत एक विचार के रूप में बना रहा। यही निरंतरता और लचीलापन भारत की असली ताकत है। प्रेम कुमार मणि ने किताब में यह बताने की कोशिश की है कि आखिर वह कौन सी चीज है भारत में कि हस्ती मिटती नहीं हमारी!
इस अवसर पर राजकमल प्रकाशन के अशोक माहेश्वरी, पत्रकार संतोष सिंह सहित कई गणमान्य मौजूद रहे।

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