• दाखिल खारिज के लिए संबंधित पोर्टल ऑनलाइन कंप्लेंट मैनेजमेंट सिस्टम और कॉल सेंटर जल्द शुरू होगा

संवाददाता. पटना

बिहार के मठ मंदिरों की जमीन का पूरा विवरण वेबसाइट पर नहीं है। यह स्वीकार किया बिहार के भूमि सुधार व राजस्व विभाग के मंत्री संजय सरावगी ने। उन्होंने विधान परिषद में कहा कि अब यह एक जगह उपलब्ध होगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग विधि विभाग और बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के सहयोग से इसको लेकर पारदर्शी व्यवस्था की जा रही है। मठ- मंदिरों की काफी जमीनें नियमों का उल्लंघन कर बेचने-खरीदने का आरोप लगता रहा है। इसको लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इससे पहले विधि विभाग को पत्र लिख कर विधि विभाग से अनुरोध किया है कि राज्य में पंजीकृत मंदिरों, मठों और ट्रस्टों की अचल संपत्तियों का ब्योरा रखने और उन्हें राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए उनके विभाग को अधिकृत करे।

उन्होंने कहा कि भू-अभिलेख के डिजिटाईजेशन, राजस्व मानचित्रों के डिजिटलाइजेशन और आधुनिक अभिलेखागार की स्थापना विभाग की प्राथमिकता है। इस काम के पूर्ण होने से भू-विवाद के मामले काफी कम जाएंगे। इसके लिए कुल 13920 विशेष भू- सर्वेक्षण के विभिन्न पदों का सृजन और नवसृजित संविदा पदों के विरूद्ध 13058 पदों पर कर्मियों को नियोजित कर सर्वे का कार्य कराया जा रहा है। बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बदोबस्त कार्यक्रम के तहत अब तक 3278 राजस्व ग्रामों में प्रारूप अधिकार अभिलेख और 960 राजस्व ग्रामों में अंतिम अधिकार अभिलेख और राजस्व मानचित्र का प्रकाशन कर दिया गया है। भू- सर्वेक्षण के कार्य को दिसंबर 2026 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है। भू- सर्वेक्षण के तहत रैयतों द्वारा प्रपत्र- 2में स्वघोषणा व प्रपत्र -3 में वंशावली से संबंधित सूचना अपलोड करने या जमा करने के लिए 31 मार्च 2025 तक की तिथि निर्धारित की गई है।

उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी लोभ में आकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे सकते हैं ऐसे आरोपों की निगरानी की जा रही है, कठोर कार्रवाई की जाएगी। 2024 -25 के दौरान बिहार राजस्व सेवा के अंचल अधिकारियों- राजस्व अधिकारियों और समकक्ष अधिकारियों के विरुद्ध कल 475 मामले प्राप्त हुए हैं जिनमें 153 मामले में दंड किया गया है और 322 मामले में कार्रवाई विभिन्न स्तरों पर प्रक्रिया में है। अंचल अधिकारी और राजस्व कर्मचारी का कार्यालय निश्चित स्थान पर हो होगा।

विभाग में नई बहालियों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि बिहार राजस्व सेवा के अंतर्गत मूल कोटि के पद राजस्व अधिकारी और समक्ष ग्रेड में स्वीकृत 1603 पदों के विरुद्ध वर्तमान में कार्यरत बल 906 है। इस वित्तीय वर्ष में कुल 168 अभ्यर्थियों को राजस्व अधिकारी और समकक्ष पद पर नियुक्त किया गया है। बिहार लोक सेवा आयोग की 17वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के लिए 287 पदों पर बहाली के लिए लिखा गया है। राजस्व कर्मचारियों के स्वीकृत 8463 पदों के विरुद्ध वर्तमान में कार्यरत बल 4180 हैं और रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति के लिए कुल 3559 पदों के लिए बिहार कर्मचारी चयन आयोग को लिखा गया है। अमीन के कुल स्वीकृत पद 1809 के विरुद्ध वर्ष 2023 में कुल 1761 अमीनों की नियुक्ति की गई है। योगदान नहीं देने के कारण रिक्त हुए कुल 271 पदों के विरुद्ध प्राप्त 172 अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए अनुशंसा को देखते हुए जिलों को आवंटित किया गया है। भू अभिलेख और परिमाप निदेशालय के छटनी ग्रस्त कुल 487 अमीनो को विभाग में नियमित नियुक्ति के लिए स्वीकृत पद के विरुद्ध रिक्त पदों पर संविदा के आधार पर नियोजन के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए। इसके आलोक में कुल 375 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनके नियोजन की कार्रवाई प्रक्रिया में है।

संजय सरावगी ने कहा कि दाखिल खारिज के लिए संबंधित पोर्टल ऑनलाइन कंप्लेंट मैनेजमेंट सिस्टम और कॉल सेंटर का कार्य प्रारंभ जल्द ही शुरू होगा। यहां भूमि अभिलेख, पंजीकरण, राजस्व शुल्क भुगतान और विभाग द्वारा प्रदत्त अन्य सेवाओं से संबंधित प्रश्नों का समाधान हो सकेगा। ऑनलाइन कंप्लेंट मैनेजमेंट सिस्टम के तहत ऑनलाइन माध्यम से निष्पादन के लिए आम नागरिकों के आवेदन के आलोक में जिला स्तर से लेकर अंचल स्तर पर आवेदन की स्थिति जानी जा सकेगी।

उन्होंने बताया कि पटना और दरभंगा जिला के पुनरीक्षित गजेटियर के प्रकाशन की प्रक्रिया चल रही है। कोशी और पूर्णिया प्रमंडल के सभी जिलों के गजेटियरों का पांडुलिपि तैयार करने की प्रक्रिया शुरू है। जल के संरक्षण और संवर्धन के लिए जल निकायों से जुड़ा ‘ गजेटियर कम एटलस ऑफ वाटर बॉडीज ऑफ बिहार ‘ के प्रकाशन की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।

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