संवाददाता. पटना
बिहार विधान परिषद की तिरहुत स्नातक सीट पर हुए उपचुनाव में बंशीधर ब्रजवासी की जीत हो गई। पहले इस सीट पर जेडीयू के देवेश चंद्र ठाकुर एमएलसी थे, वे बिहार विधान परिषद के सभापति भी थे। लोकसभा चुनाव में देवेश चंद्र ठाकुर लोकसभा का चुनाव जीत गए थे। उसके बाद यहां से जेडीयू ने पार्टी प्रवक्ता अभिषेक झा को उम्मीदवार बनाया था। आरजेडी ने गोपी किशन, जनसुराज ने विनायक गौतम को उतारा था। इन तीनों धाकड़ नेताओं या पार्टी को हराकर बंशीधर ने यह जीत हासिल की। कुल 17 उम्मीदवार मैदान में थे। इस उपचुनाव में देवेश चंद्र ठाकुर, आनंद मोहन सरीखे नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी।
कौन हैं बंशीधर ब्रजवासी
वे मुजफ्फरपुर के मरवन प्रखंड उत्क्रमित मध्य विद्यालय रक्सा पूर्वी में पूर्व प्रखंड शिक्षक थे। उनके पिता स्व. नंदकिशोर सहनी भी शिक्षक थे। बंशीधार ने एमए और बीएड की पढ़ाई की है। उन्होंने 2005 में नियोजित शिक्षक के रूप में नौकरी ज्वाइन की थी। शिक्षा विभाग के तत्कालीन एसीएस केके पाठक ने उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद हमेशा शिक्षकों के हित के लिए आवाज बुलंद करते रहे हैं. बता दें कि जून-जुलाई 2024 में भीषण गर्मी पड़ी थी और कई सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राएं बेहोश हो गए थे। कई शिक्षक-शिक्षिकाओं की भी स्थिति खराब हो गई थी। बंशीधर ने केके पाठक के फैसले का पुरजोर विरोध किया था। अन्य शिक्षक हितों के सवाल पर वे सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहे। इससे केके पाठक नाराज हुए और बंशीधर को निलंबित कर दिया गया। आगे उन्हें नौकरी से बर्खास्त तक किया गया। इस आपदा वाली स्थिति का उपयोग बंशीधर ने तिरहुत उपचुनाव लड़कर अवसर में बदल दिया। स्नातकों का गुस्सा सत्ता पक्ष में और विपक्ष में दोनों तरफ गया। बंशीधर तिरहुत स्नातक उपचुनाव जीत गए।
कितने समय के लिए एमएलसी होंगे
बंशीधर 14 माह के लिए बिहार विधान परिषद के एमएलसी होंगे। लेकिन उन्हें पेंशन की सुविधा मिलेगी। समयावधि 14 माह पूरे होने के बाद लगभग 60 हजार रुपए पेंशन जीवन भर प्राप्त होगा। स्वास्थ्य बीमा की सुविधा जीवन भर मिलेगी। ट्रेन और हवाई जहाज की सुविधा जीवन भर मिलेगी। उन्होंने ठीक से राजनीति की तो आगे फिर से एमएलसी चुने जा सकते हैं। वे मल्लाह जाति से आते हैं। लोगों के बीच चर्चा तेज हो गई है कि असली सन ऑन मल्लाह यही हैं।