संवाददाता. पटना.
-यहां से भाजपा की उम्मीदवार बेबी देवी हैं
बिहार में बोचहा विधान सभा सीट पर वीआईपी पार्टी के विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव होना है। इस सीट पर उम्मीदवार देने के लिए राज्य की राजनीतिक पार्टियां पूरे दिन जोड़ तोड़ में लगी रहीं। भाजपा ने वहां से पहले ही बेबी देवी को उम्मीदवार बना दिया है। इस तरह यहां मुकाबला त्रिकोणात्मक हो गया है। सोमवार को यहां से राजद ने मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की। इससे पहले चर्चा थी कि राजद पूर्व मंत्री रमई राम की बेटी गीता कुमारी को टिकट देगी। लेकिन जब गीता कुमारी को राजद से निराशा हाथ लगी तो उन्होंने वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी से संपर्क किया और मुकेश सहनी ने अपनी पार्टी वीआईपी की ओर से उन्हें मैदान में उतार दिया। मुकेश सहनी ने कहा कि एनडीए में रहकर दोस्ताना लड़ाई लगेंगे। सहनी, उत्तरप्रदेश में अपनी पार्टी का हाल देख चुके हैं। वहां एक भी सीट पर उनकी पार्टी नहीं जीत सकी। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश मुसाफिर पासवान का साथ देने की थी, लेकिन अमर पासवान ने जल्दबाजी कर दी। रमई राम ने कहा कि जो व्यवहार मेरे साथ हुआ वह आज तक नहीं हुआ था। लालू यादव रहते तो ऐसा कभी नहीं होता। मेरा साथ विश्वासघात किया गया। तेजस्वी यादव ने अपमान किया है। गुस्से में भड़ते रमई राम ने यहां तक कह दिया कि दलित का अपमान करके वे कभी सीएम नहीं बन सकते।
तेजस्वी की सबसे बड़ी चुनौती राजद को सबसे बड़ी पार्टी बनाए रखना
तेजस्वी ने मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान को टिकट देकर एक तीर से कई निशाना साधा है। तेजस्वी यादव के लिए बोचहा सीट इसलिए महत्वपूर्ण है कि अगर भाजपा यह सीट जीत जाती है तो उसके विधायकों की संख्या 74 से बढ़कर 75 पर पहुंच जाएगी। यानी भाजपा के पास भी राजद की तरह ही 75 विधायक हो जाएंगे। यानी राजद बिहार की सबसे बड़ी पार्टी नहीं रह जाएगी। इसलिए तेजस्वी के लिए चुनौती है कि वह इस सीट पर राजद को जीत दिलाएं।