- मिल्खा सिंह को समर्पित किया अपना गोल्ड मेडल
संवाददाता.
जैवलिन (भाला फेंक) में नीरज चोपड़ा ने भारत को ओलंपिक में पहला गोल्ड दिलाया है। इस जीत के साथ ही देश भर में उल्लास है। इस गोल्ड से नीरज ने एथलीट में 125 साल का इतिहास भी बदल दिया। एथलीट में 125 साल बाद भारत ने गोल्ड जीता है। नीरज ने भारत के खाते में 7 वां पदक जोड़ा। गोल्ड जीतने के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी ने उनसे फोन पर बात की और कहा कि बिना किसी दबाव के अपने खेल पर ध्यान दें। योगेश हरियाणा के रहने वाले हैं। टोक्यो ओलंपिक में पहला गोल्ड जीतने पर हरियाणा सरकार ने नीरज चोपड़ा को 6 करोड़ रुपए और क्लास वन नौकरी देने की घोषणा की है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि पंचकूला में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर एथलेटिक्स बनाएंगे और उसमें नीरज चोपड़ा को हेड बनाया जाएगा।
हरियाणा के खांद्रा गांव के एक किसान के बेटे 23 वर्षीय नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंककर सभी को आश्चर्य में डाल दिया। नीरज भारत की तरफ से व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। इससे पहले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक जीता था।
नीरज, ओलंपिक इतिहास में पहला मेडल जीतने वाले भारतीय एथलीट भी बन गए हैं। उन्होंने अपना मेडल मिल्खा सिंह को समर्पित किया है। नीरज ने कहा कि मैं मिल्खा सिंह को अपना मेडल समर्पित करना चाहता हूं।कहा- मेरा एक सपना पूरा नहीं हो पाया, वो मेडल के साथ मिल्खा सिंह से मिलना चाहते थे।