नीतीश सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने अपने इस्तीफा की पेशकश कर दी। दूसरी तरफ बीजेपी नेता ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू ने आरोप लगाया है कि विभिन्न विभागों में हुए ट्रांसफर- पोस्टिंग में रुपए का भारी लेन-देन हुआ है। इस तरह सरकार अपने ही लोगों के आरोपों से घिर गई है। विपक्ष ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पहले ही कहा था कि इस सरकार में संस्थागत भ्रष्टाचार है। वह आरोप अब सच निकला।
मंत्री ने इस्तीफे की पेशकश की
अपने इस्तीफे की पेशकश करते हुए मदन सहनी ने इसका कारण अफसरशाही को बताया है। वे अपने प्रधान सचिव से नाराज चल रहे हैं। सहनी ने गुरुवार को मीडिया से बताया कि उनके विभाग में जो ट्रांसफर-पोस्टिंग मंत्री स्तर पर होना चाहिए था, उसे अफसर कर रहे हैं। कहा कि इस अपमान के साथ वे मंत्री पद पर नहीं रहना चाहते।
सरकार में मंत्रियों तक की पूछ नहीं
सहनी ने कहा कि नीतीश सरकार में मंत्रियों की भी कोई पूछ नहीं है। अपने विभाग के प्रधान सचिव अतुल कुमार पर मंत्री ने आरोप लगाया कि चार साल से एक ही जगह जमे हैं, अब तक क्या किया, यह किसी को मालूम नहीं? वे कुछ कहने पर सुनते ही नहीं हैं। सहनी ने कहा कि वे जेडीयू में रहेंगे और नीतीश कुमार के प्रति आस्था भी रखेंगे लेकिन मंत्री पद पर नहीं रहना चाहते।
बड़े पैमाने पर ट्रांसफर- पोस्टिंग
बिहार में जून महीने के अंत में बड़े पैमाने पर ट्रांसफर-पोस्टिंग की गई है। दो से तीन दिन के अंदर 1800 से अधिक ट्रांसफर-पोस्टिंग की जा चुकी है। इस ट्रांसफर-पोस्टिंग में सीओ से लेकर बीडियो, डॉक्टर, इँजीनियर तक शामिल हैं। अभी यह सिलसिला चलेगा।