पटना.
राघोपुर सीट बिहार की सबस हॉट सीट है। इस सीट से तेजस्वी यादव ने आज नामांकन भरा। नामांकन भरने से पहले उन्होंने मां राबड़ी देवी और बड़े भाई तेजप्रताप यादव के पैर छूकर आशीर्वाद लिए।
पटना स्थित सरकारी आवास से निकलने के पहले उन्होंने कहा कि राघोपुर की जनता ने हमेशा साथ दिया है। एक बार फिर यहां की जनता जिताने का काम करेगी। वे निकल तो रहे थे राघोपुर के लिए लेकिन नीतीश कुमार को चुनौती भी दी कि नीतीश कुमार अपने गृह क्षेत्र नालंदा से चुनाव लड़ें वे उन्हें हरा कर दिखाएंगे। तेजस्वी यादव ने नीतीश-मोदी सरकाार की खूब खबर ली। कह कि बेरोजगारी, भुखमरी, गरीबी, पलायन का आतंक किसने फैलाया? 15 साल में डबल इंजन की सरकार ने क्या किया? कहा कि वे एजेंडा से भटकाना चाहते हैं और हम इसी एजेंडे पर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने सवाल दागा कि दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने के वादे का क्या हुआ? बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का क्या हुआ? विशेष पैकेज का क्या हुआ?
मुख्यमंत्री को निशाने पर लेते हुए कहा कि कोरोना काल में 145 दिन तक वे कहां गायब रहे और अब वोट लेने का समय आया तो बाहर निकल रहे हैं। कहा कि हम पर हत्या का मुकदमा तक कर दिया गया। बिहार में 60 फीसदी आबादी युवाओं की है और युवा नई सोच की सरकार चाहती है। हम सरकार बनाने जा रहे हैं।
कहा कि हम ठेठ बिहारी हैं जो कहते हैं वह करते हैं। हमने कहा है कि सरकार बनने पर कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख नौजवानों को स्थायी सरकारी नौकरीं देंगे, तो देंगे। उन्होंने नियोजित शिक्षकों की मांग समान काम, समान वेतन को भी पूरा करने का वादा किया।
कामकाज पर सवाल उठाने पर तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार हमसे उम्र में बड़े हैं पर सीएम रहते वे फ्लॉप हो गए हैं। कहा कि 18 माह हम सरकार में रहे, एक भी दाग कोई लगा दे तो बताए। हमने टाइम बाउंड मेगा प्रोजेक्ट पूरा किया। सौ फीदसी से ज्यादा राशि खर्च की। भ्रष्टाचार मिटाने के लिए कमेटी बनाई। उन्होंने मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि वे अपने गृहक्षेत्र नालंदा से चुनाव लड़ें, वहां से हम भी चुनाव लड़ेंगे और हराकर दिखाएंगे।
राघोपुर सीट का महत्व
राघोपुर का चुनाव जीतकर ही तेजस्वी की इंट्री राजनीति में हुई थी और पहली बार में ही वे उपमुख्यमंत्री बन गए। इस बार वे महागठबंधन के घोषित सीएम कंडिडेट भी हैं। इस सीट से मां राबड़ी देवी की हार का बदला इन्होंने पिछली बार लिया था। तब राबड़ी देवी को हराने वाले सतीश कुमार यादव को इ्न्होंने परास्त किया था। पिछली बार उनके साथ जेडयू गठबंधन में थी, इस बार नहीं है इसलिए कठिनाई हो सकती है।
आरजेडी को इस सीट से हराने के लिए जदयू और भाजपा पूरी ताकत झोंक रही है। भाजपा के टिकट पर सतीश कुमार मैदान में हैं। इस बार भोला राय ने जदयू ज्वाइन कर लिया है। इसलिए भोला राय, राजद से पुराना हिसाब चुकता करने के लिए राजद के खिलाफ मुहिम चलाएंगे।