संवाददाता.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और आरजेडी के वरिष्ठ नेता डा.रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी बिहार विधानसभा का चुनाव टाल देने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि अभी शासन, प्रशासन, राजनीतिक दल और जनता की पूरी ताकत कोरोना से लड़ने में लगनी चाहिए। चुनाव आयोग का बिहार में चुनाव को लेकर तैयारी बेमतलब है। जब चुनाव लड़ने वाले ही संक्रमित हो रहे हैं तो चुनाव क्या आयोग लड़ेगा?
रघुवंश प्रसाद सिंह कोराना से जंग जीतने के बाद वैशाली जिला के अपने पैतृक गांव शाहपुर में होम कोरोनटाईन हैं। संक्रमित होने पर पटना एम्स में एडमिट थे।उसी समय पार्टी की कार्यशैली विशेष रूप से पूर्व सांसद रामा सिंह को पार्टी में शामिल करने की तैयारी से नाराज होकर आरजेडी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा की घोषणा कर दी थी। घबराकर पार्टी ने रामा सिंह को शामिल करने की तैयारी भी टाल दी।
उन्होंने कहा कि एक-दो दल को छोड़ सभी राजनीतिक दल चुनाव स्थगित करने की मांग कर रहे हैं। तब चुनाव आयोग चिट्ठी लिखकर दलों से 31 जुलाई तक सुझाव मांग रहा है कि चुनाव प्रचार का तरीका बताओ। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग सनक गया है क्या? कहा कि चुनाव सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते हैं। बाकी कौन लोग चुनाव की मांग कर रहे हैं।बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सहित एक दर्जन नेता संक्रमित होकर मेरी तरह ही पटना एम्स में ही जीने का जंग लड़ रहे हैं। सासंद राम कृपाल यादव भी संक्रमित हो गये हैं। एक दर्जन विधायक संक्रमित हो चुके हैं। दो डाक्टरों की मौत भी हो गई है। बिहार सरकार के सबसे बड़ा अस्पताल आईजीआईएमएस के डायरेक्टर कोराना संक्रमित होने के बाद पटना एम्स में एडमिट हैं। लोग कोरोना को लेकर डरे-सहमे हैं। ऐसे में चुनाव का भूत सवार नहीं होकर संक्रमण से बचाव और उपचार का एकमात्र काम होना चाहिए।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. सिंह ने कहा चुनाव आयोग को चुनाव कराने का संवैधानिक दायित्व मिला है। आमलोगों की जान से खिलवाड़ करने की किसी को भी छूट नहीं मिली है। बूथ की संख्या बढ़ाने से भी क्या संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा? संक्रमण से बचने के लिए लोगों को घर से निकलने की मनाही है। तब वोट देने कौन जायेगा? चुनाव में लाखों की संख्या में अधिकारी, कर्मचारी और पुलिस कर्मियों की जान जोखिम में डालकर किसके हित में चुनाव कराने पर आयोग आमादा है। चुनाव को लेकर तबादला स्थगित होना चाहिए ।मेडिकल इमरजेंसी की हालत है ।केन्द्र की पूरी मदद लेकर रोज 50 हजार की जांच की व्यवस्था होनी चाहिए। जांच का दायरा बढ़ेगा तभी संक्रमण थमेगा।