पटना.
विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने रविवार को डिजिटल रैली से बिहार में होने वाले आगामी विधान सभा चुनावों में निषाद सम्मान के साथ सभी जातियों को टिकट देने का ऐलान किया। मिशन 2020 बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी, पार्टी की विचारधारा, नीति, सिद्धांत एवं विजन को लेकर आयोजित इस डिजिटल रैली में उन्होंंने कहा कि अतिपिछड़ों के समर्थन के बिना बिहार में किसी की भी सरकार नहीं बनती। आज अतिपिछड़े समाज में हमारी पार्टी की पैठ है, इसलिए सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। जीतने वाले क्षेत्र को हम चिन्हित भी कर रहे हैं। साथ ही मुकेश सहनी ने वीआईपी को हिंदुस्तान की पहली ऐसी पार्टी बताया, जो सभी तरह के चुनावों में और आगे होने वाली बिहार विधान सभा चुनाव में 33 प्रतिशत से अधिक सीटों पर अत्यन्त पिछड़ा समाज को टिकट देकर चुनाव लड़ायेगी।
मुकेश सहनी ने डिजिटल रैली के जरिये बिहार के लाखों लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें 18 साल के छोटी उम्र में आर्थिक तंगी के कारण मुंबई जाना पड़ा। वहां पर मेहनत मजदूरी एवं संघर्ष के बल पर हमने अपना मुकाम को हासिल किया और मुंबई का ऐशोआराम समाज के लिए छोड़ा दिया। हम बिना बुलाए निषाद समाज के हक अधिकार और आरक्षण की लड़ाई लड़ने के लिए 2014 में बिहार आए। हमने निरन्तर निषाद समाज के लिए बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक लड़ाई लड़ते रहे। फिर हमलोगों ने आन्दोलन से प्रेरित होकर 04 नवम्बर 2018 को VIP पार्टी का स्थापना की। 2019 के लोकसभा चुनाव में सीटों का हिस्सेदार बना। आज हमारी पार्टी महागठबंधन की एक मजबूत साथी है।
उन्होंने कहा कि हम महागठबंधन के साथ हैं। कपूरी ठाकुर का बिहार बनाना मेरा सपना है। सहनी ने कहा कि देश के टॉप लीडर्स ने बिहार की निषाद जाति को धोखा दिया और कह कर मुकर गए। अधिकार लेने को सत्ता में आना ही होगा। लालू प्रसाद यादव एवं राहुल गांधी की भी सहमति है कि बिहार में अत्यन्त पिछड़ा समाज का लीडर उभरे और अत्यन्त पिछड़ा समाज सर्वागीण विकास हो। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से हम अपने जिन्दगी में परिवर्तन लाएँ, उसी तरीके से आपका साथ सहयोग रहा तो निरन्तर बिहार के लिए काम करते रहेंगे और बिहार परिवर्तन करेंगे।
सहनी ने बिहार की नीतीश सरकार पर भी जमकर हमला बोला और कहा कि दुनिया की मानक के अनुसार 100 की जनसंख्या पर 01 डॉक्टर होना चाहिए, जबकि भारत में 11000 की जनसंख्या पर 01 डॉक्टर है। और बिहार में 22000 की जनसंख्या पर 01 डॉक्टर है। हमें इसे हर हाल में बदलना है। वर्ष 2005 में बिहार पर 39 हजार करोड़ कर्ज था। आज बिहार पर 1.68 हजार करोड़ रूपया कर्ज है। एक व्यक्ति पर 15 हजार रूपया कर्ज है। जितना हम शिक्षा पर नही खर्च करते हैं, उससे ज्यादा कर्ज चुकाते है। समान काम समान वेतन शिक्षकों के समान काम समान वेतन का हम समर्थन करते हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था आज सरकार 94 हजार प्राथमिक शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया निकाली है क्या यह एक दिन में इतनी शिक्षकों की कमी आयी है। अभी बिहार में 04 लाख नियोजित शिक्षक है सरकार चुनावी रणनीति के तहत हमारे बिहार के बच्चों का भविष्य खराब कर रही है। कोविड-19 लॉकडाउन/प्रवासी मजदूर आपको कोविड-19 के दौरान पता चला कि लाखों बिहारी युवा साथीगण दूसरे राज्यों में काम कर रहे थे और अचानक लॉकडाउन में फंस गए और 15 साल की सरकार चलाने वाली सरकार ने हाथ खड़े कर लिए कि हम दूसरे राज्यों से मजदूरों को नहीं ला सकते है।
सहनी ने आगामी चुनाव की तैयारी को लेकर अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं से बूथ कमिटी, विधानसभा कमिटी, उम्मीदवार चयन, चुनाव की तैयारी, चुनाव प्रचार-प्रसार आदि को लेकर विस्तार से चर्चा भी की। इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव छोटे सहनी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैद्यनाथ सहनी, ब्रह्मदेव चौधरी, रमेश बाबा, प्रदेश प्रभारी संतोष कुशवाहा, आनंद मधुकर यादव आदि मौजूद रहे।