संवाददाता. पटना

पटना पुस्तक मेले में शनिवार को सिनेमा उनेमा कार्यक्रम शाम 5 बजे से आरंभ हुआ। सिनेमा के पहले दिन भोजपुरी सिनेमा के महानायक कुणाल सिंह को सिनेमा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए हरजोत कौर बम्हरा, अध्यक्ष सह सदस्य राजस्व पर्षद बिहार पटना और त्रिपुरारी शरण के द्वारा सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह एवं स्टॉल के द्वारा सम्मानित किया गया। प्रथम दर्शक के रूप में हरजोत कौर बम्हरा उपस्थित रहीं। वक्ता त्रिपुरारी शरण ने हिंदी सिनेमा में बिहार विषय में अपनी बात रखी।
हरजोत कौर बम्हरा ने बिहार सरकार की फिल्म नीति पर बात कही कि फिल्म अच्छी बनाई गई है। जो भी फिल्म बनाना चाहते और अच्छे विषय पर फिल्म बनाना चाहते हैं उनको सहयोग करने के लिए हम तैयार हैं। सिनेमा unema महोत्सव कार्यक्रम को बहुत बहुत शुभकामनाएं।

प्रसिद्ध कथाकार अवधेश प्रीत की कहानी पर दूरदर्शन बिहार द्वारा निर्मित फिल्म ‘अली मंजिल’ दिखाई गई। कुछ दिनों पहले अवधेश प्रीत का निधन पटना में उनके आवास पर हो गया था। हिंदी कहानी की दुनिया में वे राष्ट्रीय स्तर के लेखक थे।

त्रिपुरारी शरण ने अपने संविधान में “हिंदी सिनेमा में बिहार” पर अपनी बेबाक राय रखी और कहा कि हिंदी सिनेमा में बिहार दिखता तो है,पर बिहार हिंदी सिनेमा में सशक्त रूप से नहीं दिखता है। हिंदी सिनेमा में बिहार का मतलब कुछ अभिनेता से बिहार नहीं दिखेगा।
कुणाल सिंह ने सम्मानित होने पर अपने संबोधन में कहा कि पुस्तक मेला का बहुत आभार और बहुत आभार की सिनेमा महोत्सव का आयोजन के संयोजन के लिए प्रिय अनुज रविकांत सिंह का बहुत आभार।
उन्होंने हरजोत कौर बम्हरा जी को कहा कि फिल्म नीति में बिहार के सिनेमा की समझ रखने वाले लोग हैं मगर नहीं हैं तो फिल्म नीति का कोई मतलब नहीं बनता।

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