संवाददाता, पटना
बिहार विधान सभा में सोमवार को नए विधायकों का शपथ ग्रहण हुआ। नवादा से जेडीयू के टिकट पर बाहुबली राजवल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी ठीक से शपथ ही नहीं ले पाईं। वहां वारसलीगंज से आरजेडी के टिकट पर बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनिता कुमारी ने बहुजनों के नाम शपथ पढ़ा। उन्हें प्रोटेम स्पीकर ने विधान सभा की ओर से दिए गए शपथ पत्र को पढ़ने को कहा तो उन्होंने इसे भी पढ़ा। एक तरफ जहां राजवल्लभ की पत्नी विभा देवी आधा-अधूरा ही शपथ ले पाईं वहीं अशोक महतो की पत्नी अनिता देवी ने धाराप्रवाह शपथ पढ़ा।
जेडीयू की विभा देवी को नवादा में कुल 87423 वोटों से जीत हासिल कराकर लोगों ने सदन में भेजा है। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार श्रवण कुमार को हराया है और 26310 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की है। 2020 से पहले जब विभा देवी के पति राजवल्लभ यादव जेल गए थे तब विभा देवी राजनीति में सक्रिय हुई थीं।
बिहार विधान सभा में अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी के विधायक प्रेम कुमार ने सोमवार को अपना नामांकन भरा। उनके नामांकन के दौरान दोनों उपमुख्यंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा मौजूद रहे। प्रेम कुमार लगातार 9 वीं बार विधान सभा का चुनाव जीते हैं।
प्रेम कुमार का परिचय
प्रेम कुमार चंद्रवंशी यानी कहार जाति से आते हैं। बिहार में कहार जाति अतिपिछड़ा वर्ग में आती है। बीजेपी उनको विधान सभा का अध्यक्ष बनाकर एक अतिपिछड़ी जाति के नेता को सम्मान देना चाहती है। अतिपिछड़ा वोट बैंक नीतीश कुमार का वोट बैंक माना जाता है। अब तक बीजेपी ने कुशवाहा यानी पिछड़ी जाति से आने वाले सम्राट चौधरी और भूमिहार जाति से आने वाले विजय सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया है। इसके बाद बीजेपी ने अतिपिछड़ा कार्ड खेला है। सभी की नजर इसको लेकर है कि बीजेपी किसको बिहार बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाती है। दिलीप जायसवाल बिहार सरकार में मंत्री बनाए जा चुके हैं इसलिए एक व्यक्ति एक पद के हिसाब से बीजेपी अब किसी अन्य नेता को प्रदेश अध्यक्ष का पद देगी।
प्रेम कुमार का जन्म 5 अगस्त 1955 को हुआ है। वे काफी पढ़े-लिखे नेता है। इतिहास विषय में उन्होंने1999 में पीएचडी की उपाधि ली है। वे 1990 में पहली बार विधायक चुने गए। वे लगातार गया टाउन से जीतते रहे हैं। नवंबर 2025 में भी वे गया टाउन से बीजेपी के टिकट पर जीत कर विधायक बने हैं। परिवारवाद अलग अपने बलबूते उन्होंने अपनी पहचान बनाई है और राजनीति में आगे बढ़े हैं। उनकी निष्ठा को देखते हुए बीजेपी ने उन्हें विधान सभा अध्यक्ष का पद देने का फैसला लिया है। कई बड़े मौके पर विधान सभा अध्यक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
